नई दिल्ली। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने आज ‘मी टू’ कैंपेन की शुरुआत पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इसका इस्तेमाल किसी को निशाना बनाने या परेशान करने के लिए नहीं किया जाएगा।
सोमवार को मेनका गांधी ने कहा कि बाल शोषण पीड़ितों की शिकायतों को दर्ज कराने के लिए कोई समय सीमा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अब ‘मी टू’ कैंपेन की शुरुआत हो गई है| वह इससे बहुत खुश हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह अभियान नियंत्रण से बाहर नहीं जाएगा। महिलाएं उन लोगों को लक्षित नहीं करेंगी जिन्होंने उन्हें किसी अन्य तरह से अपमानित किया है। गांधी ने कहा कि महिलाएं अपने साथ हुए यौन शोषण को कभी नहीं भूलतीं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने कानून मंत्रालय को लिखा है कि महिलाओं के यौन शोषण से जुड़ी शिकायतों के लिए कोई समय सीमा नहीं होनी चाहिए| वे जब चाहें मामला दर्ज करा सकें। पीड़िता 10-15 साल या उसके बाद शिकायत कर सकें। उन्होंने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि शिकायत कितने समय बाद दर्ज कराई जा रही।
मेनका गांधी ने कहा कि बाल शोषण की शिकायतों को दर्ज कराने की समय सीमा को बढ़ाया जाएगा ताकि 18 साल का होने के बाद भी पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। उन्होंने कहा कि पहले तो मंत्रालय ने समय सीमा 7 साल रखने का विचार किया था। लेकिन सभी तरीकों पर काम करने के बाद ही समय सीमा का पता चल पाएगा। यह 7 साल या फिर इससे कम और ज्यादा भी हो सकती है।
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर ‘मी टू’ अभियान के जरिए महिलाएंं अपने साथ यौन शोषण की घटनाओं को सामने ला रही हैं। यह अभियान सोशल मीडिया पर काफी तेजी से चल रहा है।