लोकसभा चुनावों में धमाकेदार जीत के साथ नरेंद्र मोदी ने ये बात साबित कर दी कि इन दिनों उनकी किस्मत का तारा बुलंदी पर चल रहा है। शायद यही कारण है कि मोदी जो भी कर रहे हैं उसे जनता जनार्धन सर आंखों पर रख रही है। चाहे वो चुनावी नारे हों या साधना करने की जगह। अब आप भी केदारनाथ स्थित मोदी की मशहूर मेडिटेशन केव में ध्यान साधना कर सकते हैं।
जी हां पिछले दिनों मोदी ने केदारनाथ आकर बाबा भोले के दर्शन किये और मंदिर से डेढ़ किमी की दूरी पर मौजूद गुफा में ध्यान लगाया। बाबा के आशीर्वाद से मोदी की सत्ता में दोबारा वापसी भी हुई। वहीं मोदी के जाने के बाद राज्य सरकार ने केदारनाथ मंदिर से डेढ़ किमी दूर 12,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित मोदी की मेडिटेशन केव को आम लोगों के लिये खोल दिया।
मोदी की लोकप्रियता का आलम ये रहा कि गुफा की बुकिंग खोलने के कुछ दिनों में ही प्रशासन को इसकी बुकिंग रोकनी पड़ी। कारण यहां समय बिताने के लिये आने वाले आवेदनों की बड़ी संख्या। प्रशासन का कहना है कि गुफा में सुविधाएं जुटाने और वहां ध्यान लगाने के लिए गाइडलाइन बनाने तक यह रोक जारी रहेगी। जून पहले हफ्ते गुफा की बुकिंग शुरू होने की उम्मीद है। ध्यान गुफा में मोदी की साधना के बाद दिल्ली, मुंबई, दुबई, महाराष्ट्र आदि जगहों से गुफा की बुकिंग के लिए फोन आ रहे हैं।
गुफा में आकर साधना करने वालों के लिये प्रशासन नई गाइडलाइन बनाने की कवायद में लगा है, इनमें:
– बिना पंजीकरण के लिए कोई नहीं रह सकेगा
– मेडिकल फिटनेट के बाद स्वस्थ व्यक्ति को ही मिलेगी इजाजत
– जीएमवीएन गुफा में रहने वाले व्यक्ति से भरवाएगी फार्म, जिसमें अपनी इच्छा से रहने का उल्लेख होगा
– साधना और ध्यान के लिए ही मिलेगी अनुमति
– एक बार में एक ही व्यक्ति को मिलेगी अनुमति
– यहां रहने वाले व्यक्ति की उम्र भी तय होगी
– कुछ निर्धारित समय के लिए ही मिलेगी गुफा
पिछले साल केदारनाथ में निर्मित ध्यान लगाने के लिए गुफा को लोकप्रिय बनाने की रणनीति के तहत गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) द्वारा कीमतों में कमी की गई है। अधिकारियों का कहना है कि इस गुफा का निर्माण पीएम मोदी द्वारा इलाके में ध्यान के लिए गुफा बनाए जाने के सुझाव के बाद किया गया, यह केदारनाथ मंदिर से एक किलोमीटर दूर ऊपर स्थित है।
गौरतलब है कि गुफा बनने का बाद लोगों में इसके प्रति रुचि कम थी। इस गुफा की कीमत तीन हजार रुपये रोजाना रखी गई थी लेकिन कम बुकिंग होने की वजह से इसकी कीमत को कम कर दिया गया। गुफा को कम से कम तीन दिनों के लिए बुक कराना अनिवार्य था। हालांकि, बाद में तीन दिनों के अनिवार्यता को खत्म कर दिया। लेकिन मोदी के यहा आकर रहने और ध्यान लगाने के कारण इस गुफा की बेहतरीन मार्केटिंग ज़रूर हो गई है। अब आलम ये है कि प्रशासन को यहां की बुकिंग फिलहाल रोककर पर्यटकों के लिये सुविधायें जुटाने और नियम बनाने का काम शुरू करना पड़ रहा है।