टिहरी में न रोजी, न शिक्षा पर ध्यान, पलायन को मजबूर इंसान

0
819
टिहरी
किसी जमाने में राजशाही की शान कहे जाने वाले टिहरी जिले में पलायन आयोग की रिपोर्ट में जो सबसे बडे़ दो कारण उभरे हैं, वह रोजगार और बेहतर शिक्षा व्यवस्था की तलाश से जुडे़ हैं। करीब 70 फीसदी पलायन इन दो वजहों से ही हुआ है। इसमें भी रोजगार की तलाश सबसे बड़ा कारण है, जिसके लिए 52 फीसदी लोगों ने अपनी मातृभूमि को छोड़कर दूसरी जगहों पर जाना कुबूल किया है। बेहतर शिक्षा व्यवस्था न होने के कारण 18 फीसदी लोगों ने पलायन किया।
-पलायन आयोग की रिपोर्ट-टिहरी जिले में 70 फीसदी पलायन रोजगार-शिक्षा के लिए हुआ
पलायन आयोग ने हाल ही में टिहरी जिले की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया है। इस रिपोर्ट में 90 हजार लोगों के जिले से पलायन करने की जानकारी सामने आई है। पलायन के कारणों को प्रमुख रूप से आठ श्रेणियों में रखकर अध्ययन करने की कोशिश की गई है। रोजगार-शिक्षा के अलावा बाकी 30 फीसदी लोगों ने अलग-अलग कारणों से पलायन का निर्णय लिया। करीब आठ फीसदी लोगों ने चिकित्सा सुविधा के अभाव में पलायन का निर्णय लेना उचित समझा। इसके अलावा, सड़क-बिजली-पानी जैसी बुनियादी सुविधा के अभाव में तीन फीसदी लोगों ने पलायन किया है। छह फीसदी से कुछ ज्यादा लोग इसलिए पलायन कर गए, क्योंकि उनकी जमीन अब खेती-किसानी के लिहाज से उपयुक्त नहीं रह गई है। ढाई फीसदी लोग ऐसे भी हैं, जिनके रिश्तेदारों और आस-पड़ोस के लोगों ने पलायन कर लिया था। इसलिए वे भी पलायन के लिए प्रेरित हो गए। जंगली जानवर भी इस जिले में पलायन का एक कारण रहे हैं, जिसके चलते करीब सवा चार फीसदी लोगों ने अपनी मातृभूमि को छोड़ दिया। इसके अलावा, बाकी लोगों ने छिटपुट अन्य कारणों से पलायन की राह स्वीकार की।
नौजवानों का सबसे ज्यादा पलायन: पलायन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार टिहरी जिले से पलायन करने वालों में सबसे ज्यादा नौजवान तबका है। विकास क्षेत्र स्तर पर तैयार किए गए आंकड़ों के मुताबिक 25 वर्ष से कम आयु वर्ग वाले करीब 40 फीसदी लोगों ने पलायन किया है। 25 से 35 साल तक के आयु वर्ग में 37 फीसदी लोग शामिल हैं।
तीन फीसदी लोग देश ही छोड़ गए: -रिपोर्ट के अनुसार तीन फीसदी लोगों ने  विदेश में पलायन किया है। 26 फीसदी लोग नजदीकी कस्बों में गए हैं, जबकि जनपद मुख्यालय का बहुत कम यानी करीब सात फीसदी लोगों ने ही रुख किया है। राज्य से बाहर जाने वाले लोगों में 34 फीसदी लोग है। बाकी लोगों ने राज्य के विभिन्न अन्य जनपदों में पलायन किया है।