देहरादून,उत्तराखंड पर्यटन के चहेतों के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। विदेशों में भी इतने ज्येष्ठ और श्रेष्ठ स्थल नहीं होंगे जितने भारत में हैं। यूरोप से भी अधिक यहां का नैसर्गिक सौन्दर्य है ऐसा विदेशी भी मानते हैं। सुंदर विभिन्न पादपों से भरे जंगल तथा विशिष्ठ पशु-पक्षियों का भरा पूरा संसार लोगों को निरंतर आमंत्रण देता रहता है।
राजाजी नेशनल पार्क जो हाथियों और बाघों के लिए जाना जाता है, वहीं उत्तरकाशी का गोविंद पशु विहार कस्तुरी मृग के कारण विश्व प्रसिद्ध है। नैनीताल-अल्मोड़ा की वादियां और कौसानी के सुरम्य दृश्य कैसे भूल सकते हैं। फूलों की घाटी तो साक्षात परियों का क्षेत्र माना जाता हैं। बद्रीकेदार, गंगोत्री, यमनोत्री जैसे चार धाम जहां धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, वहीं यमुना आसन के संगम पर स्थित आसन बैराज पक्षी प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। हिमाचल और उत्तराखंड की सीमा पर स्थित आसन बैराज जो पक्षियों के लिए सुरम्य स्थल है। लगभग 4 किलो आद्र्र भूमि में फैला हुआ है। पानी की सतह नीचे जाने के बावजूद यहां की आद्र्रता पक्षियों के लिए आकर्षण का केन्द्र बनी रहती है। यही स्थिति पक्षी प्रेमियों के लिए भी उत्तम पर्यटन स्थल के रूप में उन्हें यहां आने के लिए विवश करती है। देशी-विदेशी प्रजाति के जिन पक्षियों के कलरों और कोलाहल पक्षी प्रेमियों के कानों को सुकून देते हैं उनमें आईयूसीएन की रेड डाटा बुक (प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ) द्वारा लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में सूचीबद्ध किया गया हैं।
आगंतुक कई पक्षी जैसे मल्लाड्र्स, रेड क्रेस्टेड पोचाड्र्स, रुद्द्य शेल्दुच्क्स, कूट्स, कोर्मोरंट्स, ग्रेट्स, वाग्तैल्स, पोंड हेरोंस, पलस फि शिंग ईगल्स, मार्श हर्रिएर्स, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल्स, ऑसप्रेए और स्टेपी ईगल्स को यहाँ देखे जा सकते हैं। सर्दियों के मौसम के दौरान विभिन्न हिमालय पार प्रवासी पक्षी यहाँ आराम करते हैं, दक्षिण भारत की ओर प्रवास करते समय अक्टूबर के अंत मेंपर्यटक यहाँ पे आर्कटिक क्षेत्र के प्रवासी पक्षियों को देख सकते हैं।
अक्टूबर से नवंबर और फरवरी से मार्च तक की अवधि में यहाँ पक्षियों को देखने का सबसे अच्छा समय है। पिछले कई वर्षों से यह जगह पलस फिशिंग ईगल की घोंसले की जगह है। इस जगह पे सर्दियों के मौसम के दौरान आपको लगभग 90 प्रतिशत दुर्लभ जलपक्षी 11 प्रवासी पक्षी प्रजातियों सहित देखने का अवसर मिल सकता है। उनमें से कुछ है ब्राह्मिनी बतख, पिन्तैल्स, गद्वाल्ल्स, आम पोचाड्र्स, विगेओन्स, आम तेअल्स, तुफ्तेद बतख और शोवेल्लेर्स हैं। कुछ पक्षियों जैसे पेंटेड स्ट्रोक्स, ओपन बिल्लेद स्तोक्र्स और नाईट हेरोंस को देखने के लिए मई से सितंबर तक की अवधि सबसे अच्छी मानी जाती है। यदि आपको पक्षियों का स्वर्ग देखना है तो पधारे यमुना और आसन के इस संगम पर जहां पलक पांवड़े बिछाकर पक्षियों का विशाल साम्राज्य आतुरता से आपकी प्रतीक्षा कर रहा है।