कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी समेत पांच आरोपितों को गुरुवार को शक्तिमान प्रकरण में सीजेएम कोर्ट ने बरी कर दिया है। विधानसभा कूच के दौरान साल 2016 में घोड़े की टांग तोड़ने का उन पर आरोप था।
गुरुवार को सीजेएम लक्ष्मण सिंह की अदालत ने गणेश जोशी और अन्य को इस मामले में कोई पुख्ता सबूत न होने के कारण बरी कर दिया है। कोर्ट के फैसले के बाद कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने बार एसोसिएशन के दफ्तर में मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। शक्तिमान प्रकरण में मंत्री गणेश जोशी दोषमुक्त होने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने देर शाम उनके आवास पहुंचकर उन्हें बधाई दी।
घोड़े शक्तिमान और गणेश जोशी का लाठी बरसाने का मामला सोशल मीडिया पर राज्य के साथ देशभर में चर्चित रहा। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मार्च 2016 में विधानसभा तक रैली निकाली थी। इस दौरान भाजपा के मसूरी विधायक गणेश जोशी पर पुलिस के घोड़े शक्तिमान पर लाठी बरसा कर टांग तोड़ने का आरोप था। शक्तिमान घोड़ा के लिए अमेरीका से नकली पैर मंगवाकर भी लगवाया गया था। लेकिन शक्तिमान की जान नहीं बचाई जा सकी। शक्तिमान घोड़े ने 20 अप्रैल 2016 को दम तोड़ दिया। इस मामले में पुलिस ने गणेश जोशी के खिलाफ बलवा और मारपीट के अलावा पशु क्रूरता अधिनियम का मामला दर्ज कराया था। इस मामले में तत्कालीन विधायक गणेश जोशी को गिरफ्तार भी किया गया था। इसके बाद उन्हें कई दिन सुद्धोवाला जेल में भी बिताने पड़े थे। भाजपा के सत्ता संभालने के बाद मुकदमों की वापसी को लेकर शक्तिमान प्रकरण की फाइल भी चली थी।