प्रदेश में डिग्री कॉलेज में चल रहे चुनाव में ड्रेस कोड के मुद्दे को छात्र संगठन बड़ी जोर शोर से उठा रहे हैं, जिसके नतीजे देखकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मंत्री जी पर दबाव बनाना शुरु कर दिया है। बढ़ते दबाव के चलते उच्च शिक्षा राज्य मंत्री अपने बयानों से बैकफुट पर आ गए हैं।
ऋषिकेश में एक कार्यक्रम के दौरान डॉक्टर धन सिंह रावत ने कहा कि, “ड्रेस कोड की अनिवार्यता नहीं है, जिस कॉलेज में ड्रेस कोड लागू किया जाना है वहां के छात्रों की पहले राय ली जाएगी, अगर 50% से ज्यादा छात्र ड्रेस कोड के पक्ष में हैं तभी ड्रेस कोड लागू किया जाएगा अन्यथा ड्रेस कोड की बाध्यता नहीं रहेगी।”
गौरतलब है कि अभी प्रदेश के डिग्री कॉलेज में चुनाव की सरगर्मीयां चरम पर है, आने वाले दिनों में सरकार का यह कदम भाजपा के छात्र संगठन के लिए भारी पड़ सकता है जिसके चलते अब उच्च शिक्षा राज्यमंत्री बैकफुट पर आ गए हैं, और सफाई दे रहे हैं कि उन्हें अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की तरफ से काफी सुझाव मिले हैं जिन पर सरकार विचार कर रही है और ड्रेस कोड छात्रों की इच्छा पर ही निर्भर करेगा।