अल्पसंख्यक विभाग की छात्रवृत्ति में घपले की आशंका, मामले की होगी जांच

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    देहरादून। उत्तराखंड में अल्पसंख्यक विभाग की ओर से बांटी जा रही छात्रवृत्ति में घपले की आशंका बन गई है। ऑनलाइन व्यवस्था होने के बाद अचानक से आई आवेदनों की कमी से विभाग सकते में है। मामले को संज्ञान में लेते हुए उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग ने मामले की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। आयोग का तर्क है कि रिपोर्ट आने के बाद ही मामले से स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।

    बता दें कि तीन साल पहले अल्पसंख्यक आयोग ने विभाग की छात्रवृत्ति को ऑनलाइन कर दिया था। हुआ यूं, कि ऑनलाइन व्यवस्था से पहले अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के लिए प्रत्येक साल दो लाख से ज्यादा छात्रों के आवेदन विभाग को प्राप्त होते थे। जिन्हें हर साल छात्रवृत्ति आवंटित की जाती थी। लेकिन, जब से छात्रवृत्ति को ऑनलाइन किया गया तब से आवेदनों की संख्या दो लाख से घटकर बीस हजार तक सिमट गई है। इतना ही नहीं, इस साल तो मात्र 12 हजार आवेदन विभाग को प्राप्त हुए हैं। हालांकि, आयोग यह भी मान रहा है कि कुछ क्षेत्रों में नेटवर्किंग व जानकारी के अभाव के कारण आवेदन पत्रों में कुछ कमी आई है। साथ ही कुछ जगह पर स्कूल स्तर पर भी लापरवाही हुई है, लेकिन बावजूद इसके इतने बड़े पैमाने पर आवेदन पत्रों में कमी आने से संदेह पैदा हो गया है। आयोग से लेकर विभाग भी संख्या को देखकर आश्चर्यचकित है। यही कारण है कि अल्पसंख्यक आयोग ने अब इसकी वजह तलाशने के लिए जांच कराने का निर्णय लिया है। इस दौरान आयोग उन छात्रों की जांच भी कराएगा, जिन्हें व्यवस्था ऑनलाइन होने से पहले छात्रवृत्ति बांटी गई है। साथ ही यह भी तलाशा जाएगा कि अब आवेदनों की संख्या घटकर इतनी कम क्यों हो गई है। इस मौके पर अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही कि अचानक आवेदन पत्रों की संख्या घटकर इतनी कम हो गई। साथ ही पूर्व में जो छात्रवृत्ति बंटी है उसकी भी जांच कराई जा रही है।