उत्तराखंड में तीन लाख गरीब परिवार लापता

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    उत्तराखंड में तीन लाख गरीब परिवार तेल कंपनियों व गैस एजेंसियों को ढूंढे भी नहीं मिल रहे। ये वे परिवार हैं जिनके नाम प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए हैं। इन लोगों के न मिलने के कारण तेल कंपनी सरकार की ओर से तय किए गए लक्ष्य को भी पूरा नहीं कर पा रही है।

    दो साल पहले जब देशभर के साथ उत्तराखंड में भी प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लांच की गई तो केंद्र सरकार की ओर से तेल कंपनियों को इस योजना के दायरे में आने वाले उत्तराखंड के 4.31 लाख परिवारों की सूची भेजी गई। सरकार के मुताबिक, ये परिवार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले बीपीएल परिवार हैं। हालांकि जब योजना लांच हुई तो बीपीएल कार्ड धारक बड़ी संख्या में आवेदन करने पहुंचे थे, लेकिन उनके नाम उस सूची में नहीं थे जो केंद्र सरकार की ओर से भेजी गई थी। अब स्थिति यह है कि केंद्र की ओर से भेजी गई 4.13 लाख परिवारों की सूची में अब तक तेल कंपनियां व गैस एजेंसियां मात्र 1.30 लाख परिवारों को ही तलाश पाई हैं और इन परिवारों को ही अब तक मुफ्त गैस कनेक्शन बांटा गया, जो लक्ष्य का 50 फीसद भी नहीं है।

    उज्वला प्लस योजना हुई डंप
    भले ही उत्तराखंड में उज्ज्वला योजना के तहत अधिक लोग लाभान्वित न हुए हों, लेकिन देशभर में इसके अच्छे परिणाम सामने आए हैं। यही कारण है कि केंद्र सरकार ने उज्ज्वला के बाद उज्ज्वला प्लस योजना शुरू की। इसके तहत ग्राम पंचायतों में जो सक्षम लोग हैं, उनसे अपील की जाती है कि वे उज्ज्वला से छूटे हुए गरीब परिवारों के लिए गैस के कनेक्शन का खर्च उठाए हैं, लेकिन उज्ज्वला का ही लक्ष्य पूरा न होने के कारण अब तक नई योजना उत्तराखंड में शुरू नहीं हो पाई है। इंडियन ऑयल कारपोरेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक एसके सिन्हा का कहना है कि उज्ज्वला योजना के तहत अभी तक 1.30 लाख परिवारों को मुफ्त कनेक्शन मिले हैं, जबकि सूची में 4.31 लाख लोगों के नाम हैं। बाकी लोगों को भी ढूंढा जा रहा है, जिन्हें जल्द कनेक्शन दे दिए जाएंगे।