रुद्रपुर- पंतनगर एयरपोर्ट पर प्लेन हाईजेक की सूचना से हड़कम्प मच गया। भारी फोर्स तैनात कर किसी तरह से प्लेन को हाईजेकर्स के चुंगल से छुड़ा लिया गया और यात्रियों को सकुशल निकाल दिया गया। मगर ये घटना वास्तव में नहीं बल्कि एक माॅकड्रिल के दौरान हई। इस ड्रिल के सफल परीक्षण पर ऑपरेशन खत्म होते ही एयरपोर्ट डायरेक्टर एसके सिंह ने सभी कमांडो को सफलता पर बधाई दी।
दरअसल पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण प्रक्रिया प्रस्तावित है, जिसके बाद यहां से देश के प्रमुख महानगरों के लिए हवाई सेवाएं प्रारंभ होनी हैं। इसके मद्देनजर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने पंतनगर एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती को लेकर सचेत है। इसी के चलते पंतनगर एयरपोर्ट प्रबंधन द्वारा सुरक्षा संबंधी अलर्टनेस को परखने के लिए एंटी प्लेन हाइजेकिंग मॉकड्रिल कराई गई। मॉकड्रिल की शुरूआत दोपहर बारह बजे तब हुई जब एक प्लेन एयरोड्रम पर मंडराया। अपहर्ताओं ने विमान के अपहरण की सूचना देते हुए इसके लेंडिंग की इजाजत मांगी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने इसकी जानकारी एयरपोर्ट डायरेक्टर को दी। डायरेक्टर ने लेंडिंग की इजाजत देते हुए विमान के अपहरण की सूचना से जिलाधिकारी, एसएसपी, अग्निशमन आदि विभागों को अवगत कराया। जहाज के लैंड करते ही कमांडो दस्ता एयरपोर्ट पर पहुंच गया। अपहर्ताओं से वार्ता शुरू होते ही विमान के आगे फायर ब्रिगेड की गाड़ी लगा दी गई, ताकि विमान दोबारा उड़ान न भर सके। इस बीच कमांडो दस्ते ने विमान में पीछे से पहुंचकर अपहर्ताओं को काबू में करते हुए प्लेन में सवार अन्य यात्रियों को मुक्त करा लिया।
मॉकड्रिल के बाद डायरेक्टर एसके सिंह के नेतृत्व में एयरपोर्ट पर हुई बैठक में मॉकड्रिल के दौरान सामने आई सुरक्षा खामियों को दूर करने पर मंथन हुआ। 35 मिनट चली मॉकड्रिल में विमान की जगह टाटा 407 (एंबुलेंस) प्रयोग की गई थी, तथा एक घायल सहित 20 यात्रियों के स्थान पर एयरपोर्ट कर्मचारी शामिल थे। विमान अपहरण की सूचना के 30 सेकंड में सुरक्षाबल एवं क्राइसिस मैनेजमेंट कंट्रोल रूम सक्रिय होने सहित 10-15 मिनट में डीएम, एडीएम, एसएसपी, एएसपी समेत अग्निशमन, बमनिरोधक दस्ता, कमांडो, डॉग स्क्वॉड आदि एयरपोर्ट पहुंच गए। केवल स्वास्थ्य महकमा ऐसा था जो मॉकड्रिल से अनभिज्ञ रहा और एयरपोर्ट नहीं पहुंचा, जिसके लिए सीएमओ ने खेद जताते हुए भविष्य में इस प्रकार की पुनरावृत्ति न होने का आश्वासन दिया।