कहीं पास तो कहीं फेल रहा माॅक ड्रिल

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    मंगलवार को उत्तराखंड राज्य में आपदा से निपटने के लिए माक ड्रील का आयोजन किया गया। यह मौक ड्रील मुख्य सचिव के अध्यक्षता में किया गया है।इस ड्रील में प्रदेश के सभी सम्बंधित विभागों को शामिल किया गया जिसमें लोक निर्माण विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ आदि विभागों ने इस मौके पर ड्रील में प्रशक्षिण लिया।

    इस अभ्यास से मान के चला गया कि सुबह 10 बजे चमोली जिले में 7.2 का भूकंप आया और भूकंप का केंद्र चमोली जिले को माना है और कुछ अन्य जिलों मे जैसे कि रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी व देहरादून भी भूकंप से प्रभावित हुए हैं।सभी जिलों में बचाव कार्य के प्रशिक्षण दिया गया साथ ही एन डी आर एफ व एस डी आर एफ की टीमो  के सहयोग के  माध्यम से लोगो को आपदा से कैसे बचें यह भी बताया गया।

    माक ड्रील कुछ क्षेत्रों में पास तो कुछ जगल फेल रहा।आधी अधूरी तैयारियों के साथ आपदा से निपटने के लिए राज्य कैसे हो सकता है तैयार।भूंकप के मद्देनजर उत्तराखंड ज़ोन 5 में आता है जिससे निपटने के लिए मुश्तैदी की जरुरत होती है।मंगलवार को हुई माक ड्रील में हैलीकाप्टर जैसा जरुरी रेस्क्यू साधन नहीं जुटा पाई प्रशासन।ड्रील के दौरान कई बार हुआ कि फोन नहीं उठा रहे थे प्रशासन के लोग।इसके साथ ही कुछ क्षेत्रों में अव्वल रही ड्रील,कुछ नए विभाग भी जोड़े गए रेस्क्यू डिर्पाटमेंट में।

    काल्पनिक दृश्य को लेकर वास्तविक त्वरित कार्यवाही के लिए सभी टीमें घटना स्थल की तरफ विभिन्न क्षेत्रों में प्रस्थान करेंगी। इस वास्तविक दृश्य के अन्तर्गत मोबाईल, टेलीफोन, संचार सेवाएं ठप हो चुकी होंगी,हास्पिटल के सभी बैड फुल रहेंगे फिर भी घायलों, मृतकों की संख्या अस्पताल में आने के लिए बढ़ती जायेगी। आपदा परिचालन केन्द्र में सभी अधिकारी पहुंचेंगे।यहां पर पानी, बिजली, सड़क एवं राशन की आपूर्ति का नियंत्रण विभिन्न क्षेत्रों के लिए कन्ट्रोल रूम से समन्वय बनाकर किया जायेगा। वायरलेस से ही दूरसंचार का काम किया जायेगा।यह सभी इस माक ड्रील में दिखाया गया।

    आपदा जैसी स्थिति से निपटने के लिए इस माक ड्रील का दोबारा मूल्यांकन होगा की आने वाले परिस्थितियो में आपदा से कैसे निपटा जाए। और राज्यो के सभी जिलों में लोगो को भी प्रशिक्षित किया गया कि परिस्थिति से निपटने के लिए कैसे मार्गदर्शन मिले।इस माक ड्रिल में एसडीआरएफ, बीईजी, पीएसी,की टीमों का भी सहारा लिया गया।आपदा जैसी स्थिति से निपटने के लिए इस मौक ड्रील के दुवारा मूल्यांकन होगा की कैसे विपरीत परिस्थितियो से निपटा जाये। राज्य के सभी जिलों में लोगो को माक ड्रील के द्वारा  प्रशिक्षत किया जा रहा है ताकि कोई भी अनहोनी होने पर जब तक कोई भी बचाव दल उन तक नहीं पहुंचे वह स्वंय कि कैसी मदद कर सकते हैं।