मोदी आएंगे और चले जायेंगे, देश अटल था अटल रहेगा: पीएम

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    नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 50वें अंक में देश को सम्बोधित करते हुए देशवासियों और मीडिया को धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने इस 50वें एपिसोड में कहा कि मोदी आएगा और चला जाएगा, लेकिन यह देश अटल था और अटल रहेगा। उन्होंने कहा कि मन की बात कार्यक्रम का बहुत से लोग मजाक भी बनाते हैं, लेकिन देश का मन मेरा मन है।

    प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम के जरिए आगामी संविधान दिवस पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि कल ‘संविधान दिवस’ है। उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया। 26 नवम्बर, 1949 को हमारे संविधान को अपनाया गया था। पीएम ने कहा कि मन की बात कार्यक्रम के माध्यम से आज रेडियों की लोकप्रियता बढ़ रही है यह मेरे लिए खुशी की बात है।

    50वें एपिसोड को संबोधित करते हुए मोदी ने अपने कुछ व्यक्तिगत अनुभव साझा किए। एक वाकये को याद करते हुए उन्होंने कहा, ‘ये 1998 की बात है, मैं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठन के कार्यकर्ता के रूप में हिमाचल में काम करता था। मई का महीना था और मैं शाम के समय सफर करता हुआ किसी और स्थान पर जा रहा था। हिमाचल की पहाड़ियों में शाम को ठण्ड तो हो ही जाती है, तो रास्ते में एक ढाबे पर चाय के लिए रुका और जब मैं चाय के लिए ऑर्डर किया तो उसके पहले, वो बहुत छोटा सा ढाबा था, एक ही व्यक्ति खुद चाय बनाता था, बेचता था, ऊपर कपड़ा भी नहीं था ऐसे ही रोड के किनारे पर छोटा सा ठेला लगा के खड़ा था। तो उसने अपने पास एक शीशे का बर्तन था, उसमें से लड्डू निकाला, पहले बोला –साहब, चाय बाद में, लड्डू खाइए। मुंह मीठा कीजिए।

    पीएम ने कहा, “मैं भी हैरान हो गया तो मैंने पूछा क्या बात है कोई घर में कोई शादी-वादी कोई प्रसंग-वसंग है क्या? उसने कहा नहीं-नहीं भाईसाहब, आपको मालूम नहीं क्या? अरे बहुत बड़ी खुशी की बात है वो ऐसा उछल रहा था, ऐसा उमंग से भरा हुआ था, तो मैंने कहा क्या हुआ! अरे बोले आज भारत ने बम फोड़ दिया है। मैंने कहा भारत ने बम फोड़ दिया है। मैं कुछ समझा नहीं! तो उसने कहा – देखिए साहब, रेडियो सुनिए। तो रेडियो पर उसी की चर्चा चल रही थी और तब से मेरे मन में एक बात घर कर गई थी कि रेडियो अपनी बात को जन-जन तक पहुंचाने का एक सशक्त माध्यम है और रेडियो की बहुत बड़ी ताकत है।”

    प्रधानमंत्री कहा कि, “जब ‘मन की बात’ शुरू किया था तभी मैंने तय किया था कि न इसमें राजनीति और न ही सरकार की वाह-वाही होगी।हमारी संस्कृति अमर रहेगी। 130 करोड़ देशवासियों की छोटी-छोटी यह कहानियां हमेशा जीवित रहेंगी। इस देश को नई प्रेरणा में उत्साह से नई ऊंचाइयों पर लेती जाती रहेंगी।” प्रधानमंत्री ने कहा कि, “भारत का मूल प्राण राजनीति नहीं है, भारत का मूल-प्राण राजशक्ति भी नहीं है। भारत का मूल-प्राण समाजनीति है और समाज शक्ति है। राजनीति सबकुछ हो जाए, यह स्वस्थ समाज के लिए एक अच्छी व्यवस्था नहीं है। कभी-कभी राजनीतिक घटनाएं और राजनीतिक लोगों के हावी होने से दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में बैठी प्रतिभाएं और पुरुषार्थ दब जाते हैं।”