तमाम सियासी झंझावतों व आरोप प्रत्यारोप के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की रणनीति और मोदी के जादू ने देवभूमि से कांग्रेस का सफाया कर दिया है। उत्तराखंड के परिणामों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राजनीतिक के जादूगर तो राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित ष्षाह चाणक्य बन कर उभरे हैं। भाजपा को दो तिहाई से अधिक सीटों पर मिली जीत का संदेश साफ है कि अब उत्तराखंड की जनता ने राज्य के विकास का जिम्मा भाजपा को पूरी तरह सौंप दिया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस बात पर विश्वास किया कि जनता भाजपा को चुने और वे खुद उत्तराखंड में सरकार के कामकाज की निगरानी करेंगे।
इस प्रचंड बहुमत ने जहां कांग्रेस को आत्म चिंतन करने पर मजबूर किया है वहीं भाजपा और मोदी पर उत्तराखंड के लिए कुछ विषेष करने का दबाव भी बढ़ा दिया है। अब स्थिति ये है कि राज्य की पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है तो विधानसभा की 70 में 57 सीटों के साथ पार्टी राज्य की सत्ता में सत्तासीन। अब कोई बहाना नहीं चलेगा। उत्तराखंड को देष के अग्रणी राज्यों में खड़ा करना अब मोदी की व्यक्तिगत चुनौती भी होगा।
बताते चले कि पिछले एक साल में उत्तराखंड में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के बीच जिस तरह जोर आजमाइश हुई, उसमें कभी कांग्रेस आगे तो कभी भाजपा आगे नजर आई। पिछले बजट सत्र में शक्तिमान घोड़ा कांड से लेकर कांग्रेस के भीतर हुई बगावत ने जिस तरह कांग्रेस और भाजपा को आमने-सामने खड़ा किया, उसके बीच मुख्यमंत्री हरीश रावत की तिगड़मबाजी से ऐसे लगा कि कांग्रेस जनता की सहानुभूति हासिल कर चुकी है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लगातार भाजपा पर हमले कर यह संदेश देने की कोशिश की कि भाजपा ने उसकी सरकार को अस्थिर और राज्य का विकास अवरुद्ध करने की कोशिश की। विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बनाया और भाजपा के स्थानीय नेता इस मामले में मजबूती से जवाब नहीं दे पाए।
इस दौरान कांग्रेस के कई बड़े क्षत्रप हरीश रावत से नाराज होकर भाजपा में शामिल हो गए। इन क्षत्रपों ने भाजपा में शामिल होने के बाद भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया, लेकिन उसे मजबूती से जनता के बीच ले जाने में सफल नहीं हो पाए।
आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चार चुनावी रैलियों ने भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बना डाला और हरीश रावत बैकफुट पर आ गए। प्रधानमंत्री की रैलियों से बने माहौल के बाद भाजपा प्रत्याशियों ने भी अपने-अपने क्षेत्रों में पूरे दमखम से प्रचार किया। जिस तरह की जीत भाजपा को मिली है, उससे साफ है कि देवभूमि की जनता ने भाजपा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भरपूर समर्थन दिया।
भाजपा नेता अपनी जीत से फूले नहीं समा रहे हैं।यह अलग बात है कि सभी नेता इस जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को ही दे रहे हैं। ऐसे इसलिए भी है क्योंकि चुनाव से पहले भाजपा की उत्तराखंड में जो हालत थी, उसमें यदि अमित शाह की रणनीति और मोदी का करिश्मा नहीं होता तो भाजपा प्रचंड बहुमत की स्थिति नहीं बना पाती।