मोदी वर्सेस ऑल विपक्ष 2019 की चुनावी बिसात का रिहर्सल मैच

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देहरादून, कहते हैं दूध का जला छाछ को भी फूंक मार मार कर पीता है। कुछ यही हाल देशभर के उपचुनाव नतीजों में BJP का भी रहा है। यही कारण है कि इस बार के उपचुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कप्तानी खुद संभाली है, चाहे यूपी हो चाहे उत्तराखंड हर जगह मोदी टीम संभलकर बैटिंग कर रही है। हालांकि पूरा विपक्ष अपनी एकजुटता को बनाए हुए संभलकर अपनी पारी खेल रहा है, लेकिन यह खेल पर्दे के पीछे से ही चल रहा है।

कोई भी बड़ा विपक्षी नेता चाहे मायावती हो चाहे अखिलेश यादव हो खुलकर सामने नहीं आए हैं। माना उपचुनाव उतना महत्वपूर्ण नहीं होता है, लेकिन कुछ सालों में मोदी के खिलाफ एकजुट हुए विपक्षी दलों ने देशभर में होने वाले छोटे चुनाव से बड़े चुनाव तक सबको मोदी वर्सेस ऑल विपक्ष की लड़ाई बना के रख दिया है। विपक्ष को उपचुनाव में मिली जीत कहीं ना कहीं उनके उत्साह को बढ़ा रही है, लेकिन उत्तराखंड और यूपी के उपचुनाव के नतीजे 2019 की रणनीति को और ज्यादा मजबूती प्रदान करेंगे।

बात करें थराली की तो यहां के मतदाताओं ने मतदान में अपना उत्साह दिखाकर त्रिवेंद्र सरकार के साथ-साथ विपक्षी दल कांग्रेस की भी नींद उड़ा रखी है। क्योंकि मामला सिंपेथी का है, और उत्तराखंड में सिंपेथी कार्ड हमेशा से ही तुरुप का पत्ता समझा जाता है। यही कारण है मुन्नी देवी को महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों के भी वोट पड़ने की उम्मीद है। दूसरी तरफ कांग्रेसी उम्मीदवार प्रोफेसर जीतराम के साथ भी जनता की सिंपैथी कहीं ना कहीं जुड़ी हुई है, अब देखना यह होगा कि 10,2569 मतदाता किसके सिर ताज सजाते हैं और 2019 के लिए उत्तराखंड से इसके पक्ष में नतीजे आकर विपक्ष की रणनीति को कितना मजबूत और कितना कमजोर करते हैं। वही यूपी के नतीजे भी मुख्यमंत्री योगी के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साख को भी बरकरार रखते हैं या विपक्ष की एकजुटता को सलाम करते हैं यह देखने वाली बात है इसका कुछ ही घंटों में खुलासा होने जा रहा है