शुक्रवार को गोवर्धन पूजा के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा केदार नाथ के दर्शन करने पहुंचे। सुबह देहरादून से केदारनाथ पहुंचे प्रधानमंत्री ने केदारपुरी में की योजनाओं की नींव रखी। इस मौके पर केदारनाथ पहुंचे लोगों को पीएम ने अपने चित परिचित अंदाज़ में संबेधित किया। मोदी ने कहा कि “मुझे ख़ुशी है कि इतने कम समय में साढ़े 4 लाख से भी ज्यादा श्रद्धालु बाबा के चरणों में माथा टेकने आये। मुझे पूरा विश्वास है कि अगले वर्ष 10 लाख यात्री केदारनाथ आएंगे। पुननिर्माण में देश धन की कमी नहीं रखेगा”
वहीं इस मौके पर पीएम ने कुछ राजनीतिक रंग बिखेरते हुए कहा कि “आपदा के दौरान मैं खुद को रोक नहीं पाया और उस समय की सरकार से प्रार्थना की थी कि गुजरात सरकार को केदारनाथ के पुनर्निर्माण का कार्य दे दें”। गौरतलब है कि 2013 में आपदा के समय गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी ने आपदा की ज़िम्मेदारी उठाने की पेशकश की थी लेकिन तत्कालीन हरीश रावत सरकार ने ये पेशकश ठुकरा दी थी।
वहीं उत्तराखंड के लिये बड़ी समस्या पलायन को भी पीएम ने छुआ। पीएम ने कहा कि “हमारे यहां पहाड़ों की एक पुरानी कहावत है कि पहाड़ो का पानी और पहाड़ो की जवानी कभी पहाड़ों के काम नहीं आती, हमने ये कहावत बदलने का बीड़ा उठाया है। हमारी सरकार उस दिशा में काम कर रही है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी दोनों पहाड़ के काम आये”।
इस मौके पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मंक्त्रीगण अदिकारियों समेत बड़ी संख्या में आम लोग पीएम को सुनने के लिये पहुंचे थे।
प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी का ये दूसरा केदारनाथ दौरा रहा। अपने लोकप्रिय अंदाज़ में मोदी ने लोगों का तो काफी उत्साह बढ़ाया अब उत्तराखंड के लोगों को यही उम्मीद होगी की केंद्र और राज्य दोनो सरकारें मिलकर इन वादों को अमली जामा पहनाये।