उत्तराखंड की उफनाती नदियां रौद्र रूप धारण करने को बेताब, टिहरी व चमोली के अधिकतर गांव अंधेरे में

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    मानसूनी बारिश के चलते उत्तराखंड में नदी-नाले उफान पर हैं। ऐसे में लोगों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है। उफनाती नदियां कहीं वाहन बहा ले जा रही हैं तो कहीं सड़क। ऐसे में पग-पग पर सावधानी बरतने की जरूरत है। बारिश के चलते विद्युत आपूर्ति ठप होने से टिहरी व चमोली जनपद के अधिकतर गांव अंधेरे में हैं।

    राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को सिंगोली-भटवारी जल विद्युत परियोजना के कुंड बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं। इससे गंगा के जलस्तर में जबरदस्त उछाल आया है। आपदा प्रबंधन अधिकारी ने नदियों के आसपास रहने वालों को संवेदनशील क्षेत्रों से दूर रहने के साथ सतर्कता बरतने की सलाह दी है। वहीं गंगा स्नान करने वाले स्नानार्थियों को भी आगाह किया है।

    राज्य अपातकालीन परिचालन केंद्र के ड्यूटी ऑफिसर व उप सचिव महावीर ​सिंह परमार ने बताया कि सिंगोली-भटवारी जल विद्युत परियोजना के कुंड बैराज से 280 क्यूमेक्स पानी मंदाकिनी नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे नदी का जलस्तर व जल प्रवाह बढ़ेगा। आपदा प्रबंधन अधिकारी रुद्रप्रयाग ने बताया कि छोड़े गए पानी को 250 से 300 क्यूमेक्स के मध्य नियंत्रित रखते हुए इसको कुंड बैराज पर ही नियंत्रित किया जाएगा। सुरक्षा के दृष्टिगत सभी को सचेत कर दिया गया है। उधमसिंह नगर जनपद के तहसी खटीमा व सितारगंज के कई स्थानों पर भारी बारिश के चलते जलभराव हो गई है। इससे खटीमा तहसीत के दाह ढाकी गांव में सात परिवार के 24 लोग प्रभावित हैं। ये सभी वर्तमान में राहत शिविर में निवासरत् हैं।

    वर्षा के आंकड़े :

    जनपद : तहसील : आंकड़ा

    रुद्रप्रयाग : जखोली में 24 मिमी, रुद्रप्रयाग में छह मिमी, उखीमठ में 15 मिमी।

    उत्तरकाशी : उत्तरकाशी में 16 मिमी, डुंडा में सात मिमी, भटवाड़ी में 26 मिमी, चिन्यालीसौड़ में 12 मिमी, बड़कोट में छह मिमी, पुरोला में एक मिमी।

    नैनीताल : धारी में दो मिमी, कालाढूंगी में 21 ​मिमी, बेतालघाट में 2.1 मिमी।

    बागेश्वर : कपकोट में 35 मिमी, गरूड़ में 10 मिमी, बागेश्वर में 24 मिमी, डंगोली में 17.5 मिमी।

    देहरादून : यू-कास्ट में 11.5 मिमी, मसूरी में 16.2 मिमी, कालसी में 73.2 मिमी, कोटी में 54 मिमी, मोहकमपुर में 92 मिमी, चकराता में 15 मिमी, ऋषिकेश में 4.4 मिमी, हाथीबड़कला में 16.5 मिमी, जौलीग्रांट में 136.4 मिमी।

    पिथौरागढ़ : बंगापानी में सात मिमी, मुनस्यारी में 14.40 मिमी, कनालीछीना में सात मिमी, गंगोलीहाट में तीन मिमी, तेजम में 86 मिमी, पिथौरागढ़ में 6.40 मिमी, देवलथल में 12 मिमी, बेरीनाग में एक मिमी, धारचूला में 12.40 मिमी, डीडीहाट में 9.40 मिमी।

    अल्मोड़ा : द्वाराहाट में 13.5 मिमी, भिक्यासैंण में दो मिमी, रानीखेत में एक मिमी, सोमेश्वर में आठ मिमी, ताकुला में 1.50 मिमी, भैंसियाछाना में एक मिमी, चौखुटिया में नौ मिमी, सल्ट में 1.50 मिमी।

    चंपावत : चंपावत में 5.5 मिमी, बनबसा में दो मिमी, लोहाघाट में दो मिमी।

    पौड़ी गढ़वाल : पौड़ी में तीन मिमी, थलीसैंण में 12 मिमी, कोटद्वार में मिमी, चौबट्टाखाल में 2.50 मिमी, चाकीसैंण में चार मिमी, लैंसडोन में एक मिमी।

    चमोली : गैरसैंण में 21 मिमी, पोखरी में तीन मिमी, चमोली 10.4 मिमी, जोशीमठ में 7.8 मिमी, कर्णप्रयाग में 44 मिमी, नंदानगर में 20 मिमी।

    टिहरी : टिहरी में 4.5 मिमी, घनसाली में छह मिमी, धनोल्टी में 15 मिमी, नरेन्द्र नगर में 42.5 मिमी, कीर्तिनगर में 6.50 मिमी।

    नदियों का जलस्तर :

    जनपद : नदी : जलस्तर

    रुद्रप्रयाग –

    अलकनंदा : 624.60 मीटर (खतरे का स्तर : 627 मीटर)

    मंदाकिनी : 623.61 मीटर (खतरे का स्तर : 626 मीटर)

    उत्तरकाशी –

    भागीरथी : 1120.50 मीटर (खतरे का स्तर : 1123 मीटर)

    बागेश्वर –

    सरयू नदी : 867 मीटर (खतरे का स्तर : 870.70 मीटर)

    गोमती नदी : 863 मीटर (खतरे का स्तर : 870.70 मीटर)

    पिथौरागढ़ –

    काली नदी : 888.60 मीटर (खतरे का स्तर : 890 मीटर)

    गोरी नदी : 605.10 मीटर (खतरे का स्तर : 607.80 मीटर)

    सरयू नदी : 448.80 मीटर (खतरे का स्तर : 453 मीटर)

    चंपावत –

    शारदा नदी : 218.85 मीटर (खतरे का स्तर : 221.70 मीटर)

    हरिद्वार –

    गंगा नदी : 292.25 मीटर (खतरे का स्तर : 294 मीटर)

    चमोली –

    अलकनंदा : 953.65 मीटर (खतरे का स्तर : 957.42 मीटर)

    नंदाकिनी : 867.09 मीटर (खतरे का स्तर : 871.50 मीटर)

    पिंडर : 768.94 मीटर (खतरे का स्तर : 773 मीटर)