निम यानी नेहरू इंस्टीट्यूट आफ माउंटेनियरिंग, उत्तरकाशी भारत सरकार की ‘वाइब्रेंट विलेज योजना’ के अंतर्गत आयोजित की जा रही माउंटेन बाइकिंग रैली विभिन्न पड़ावों को पार करते हुए गुरुवार को नैनीताल पहुंची। यहां पहुंचने पर कुमाऊँ विश्वविद्यालय के हरमिटेज परिसर स्थित देवदार सभागार में टीम का स्वागत व अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर निम के प्रधानाचार्य व टीम लीडर कर्नल अंशुमान भदौरिया ने यहां उपस्थित एनसीसी कैडेटों को बताया कि वाइब्रेंट विलेज योजना का लक्ष्य चीन की सीमा पर स्थित गांवों का व्यापक विकास करना और सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है। इसी के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए यह माउंटेन टेरेन बाइकिंग एक्सपीडिशन अभियान प्रारम्भ किया गया है।
उन्होंने बताया कि ऐसी साहसिक गतिविधियों से नशे की प्रवृत्तियों को दूर करने में और जीवन में संघर्ष करने का जज्बा विकसित करने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि निम द्रोपदी का डांडा में जान गंवाने वाले अपने 11 प्रशिक्षुओं की याद में 11 अविजित शिखरों पर आरोहण करेगा। इन चोटियों का नाम प्राण उत्सर्ग करने वाले प्रशिक्षुओं के नाम पर रखा जायेगा।
उन्होंने बताया कि इन 11 प्रशिक्षुओं में कुमाऊं विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शुभम सांगुड़ी भी शामिल थे। उनके नाम पर भी एक शिखर का नाम रखा जायेगा। कार्यक्रम में कुमाऊँ विश्वविद्यालय के कुलसचिव दिनेश चंद्रा, कार्यक्रम संयोजक प्रो.अतुल जोशी आदि ने भी उल्लेखनीय भूमिका निभाई। संचालन सब ले. डा. रीतेश साह ने किया।
कार्यक्रम में 79 यूके बटालियन के कमान अधिकारी कर्नल मलागी, निम के उप प्रधानाचार्य मेजन देवल बाजपेयी, प्रो.एचसीएस बिष्ट, डा. विजय कुमार, डा. दीपक कुमार, डा. जीवन उपाध्याय, डा. मनोज, डा. प्रदीप जोशी, अरविंद बंग्यिाल, संस्थान के प्रशिक्षक व टीम के सदस्य राकेश राणा, दीप बहादुर शाही व सौरभ सिंह सहित एनसीसी कैडेट व छात्र उपस्थित रहे।