समाजवादी पार्टी के संस्थापक, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केंद्रीय रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया। उन्होंने गुरुग्राम (हरियाणा) के मेदांता अस्पताल में सुबह अंतिम सांस ली। उनके निधन से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। पूरे उत्तर प्रदेश के लोग नेताजी के निधन पर शोक व्यक्त कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई गांव में 22 नवंबर 1939 को जन्मे मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के बड़े सियासी चेहरा बने। उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और एक बार देश के रक्षा मंत्री की कुर्सी संभाली। उनके निधन से समाजवादियों समेत उनके समर्थकों में मायूसी छा गयी है।
मुलायम सिंह यादव भारतीय राजनीति के उन कुछ चंद नेताओं में से एक हैं जिन्होंने बेहद ही सामान्य परिवार से निकल कर सियासी पारी शुरू की। अपनी पार्टी बनाई। पार्टी को मजबूती से खड़ा ही नहीं किया बल्कि देश के सबसे बड़े सूबे में सत्ता में भी लाने में सफल रहे। वह खुद तो मुख्यमंत्री बने ही 2012 में पूर्ण बहुमत की सरकार लाकर अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाने में भी सफल रहे। पहलवानी में माहिर मुलायम ने सियासत में भी मंझे हुए खिलाड़ी साबित हुए।
मुलायम सिंह यादव ने 1992 समाजवादी पार्टी बनाई। वह प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। पांच दिसंबर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, पांच दिसंबर 1993 से तीन जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली। वह देश के रक्षामंत्री के पद पर भी रहे।
नेताजी के नाम से लोकप्रिय मुलायम सिंह यादव ने यादव बिरादरी और मुस्लिम समाज को पार्टी के साथ जोड़ने में कामयाब रहे। उन्होंने यह गठजोड़ बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुखर विरोध किया। उनकी इसी रणनीति के चलते यादवों के साथ मुस्लिम जुड़ता गया। मुस्लिम-यादव के गठजोड़ की ताकत को देख अन्य वर्ग के मतदाता भी जुड़े। इसी योग से समाजवादी पार्टी कई बार सत्ता में में आई।