नैनीताल हाईकोर्ट ने कोरोना एकांतवास केंद्रों की बदहाली पर दायर जनहित याचिकाओं की बुधवार को सुनवाई की। अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिए कि नैनीताल और मसूरी में आने वाले पर्यटकों की संख्या को देखते हुए दोनों शहरों के प्रवेश द्वार पर उनकी कोरोना जांच की जाए। कुंभ मेले के संबंध में राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि सभी तैयारियां 31 दिसम्बर तक पूरी कर ली जाएंगी। कोर्ट ने इस सम्बंध में सरकार से शपथ पत्र मांगा है। अगली सुनवाई के लिए 23 दिसम्बर की तिथि नियत की है।
अदालत ने सरकार से कुंभ की तैयारियों पर मांगा शपथपत्र
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ एवं न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली और देहरादून निवासी सच्चिदानंद डबराल ने एकांतवास केंद्रों और कोविड अस्पतालों की बदहाली के अलावा उत्तराखंड वापस लौट रहे प्रवासियों की मदद और उनके लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा को अलग-अलग जनहित याचिका दायर की थी। इस संबंध में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर माना था कि उत्तराखंड के सभी एकांतवास केंद्र बदहाल स्थिति में हैं। सरकार ने प्रवासियों के लिए कोई उचित व्यवस्था नहीं की है। इसके बाद कोर्ट ने अस्पतालों की नियमित मॉनिटरिंग के लिए जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला निगरानी कमेटी गठित करने के आदेश देते हुए उनसे सुझाव मांगे थे।