गोपेश्वर, राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन परियोजना, गोबिंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण एवं सतत विकास संस्थान अल्मोड़ा के सहयोग गैरसैण के 11 गांवों में 70 क्विंटल नेपियर घास का रोपण किया गया। गैरसैण कुलागाड़, मठकोट, मरोड़ा, फरकंडे तल्ली, मेलबगड़, घंडियाल, परमघाट, छिनकुलाड़ी, सिलकोट, महरगांव एवं छपाली में नेपियर घास का रोपण किया गया।
ग्रामीण बख्तावर सिंह, दयाराम सती, राजेसिंह, मुकुंद राम, दयाल सिंह आदि ने बताया कि, “इस कार्यक्रम से न सिर्फ क्षेत्र में बढ़ती चारे की समस्या हल होगी अपितु जल संचय के साथ-साथ खेतों की मेंड़ भी मजबूत होगी। साथ ही उनके पशुओं को पोष्टिक चारा उपलब्ध हो पाएगा।”
राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन परियोजना के सदस्य दीप प्रकाश गौड़ ने कहा कि, “आने वाले समय में परियोजना के तहत काश्तकारों की कृषि में सुधार के साथ ही पशुओं को पौष्टिक आहार उपलब्ध करवाने के लिए कार्य किया जा रहा है, जिसके लिए नेपियर घास का रोपण किया जा रहा है। इससे प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव भी कम होगा।”
दूसरी ओर, दीप पर्यावरणीय शिक्षा विकास समिति कठूर ने वन पंचायत क्षेत्र कठूर में विभिन्न प्रजाति के पांच सौ पौधो का रोपण किया। जिसमें स्थानीय महिला मंगल दल व वन पंचायत संगठन के कार्यकर्ताओं ने भागीदारी निभायी।