हरिद्वार, पंच पर्वों का त्यौहार कही जाने वाली दीपावली पर्व की शुरूआत 25 अक्टूबर धनतेरस के साथ हो जाएगी। धनतेरस से पांच दिनों तक उत्सवों की धूम रहेगी। इस बार नरक चतुर्दशी को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। नरक चतुर्दशी और दीपावली एक दिन पड़ रही है।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक इस बार नरक चतुर्दशी दीपावली के दिन यानि 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक है। इसके पश्चात शाम को अमवस्या तिथि शुरू हो जाएगी। इस समय दीपावली का पूजन करना श्रेष्ठ है। उन्होंने बताया कि करीब 50 साल बाद ऐसा योग है, जिसमें दीपावली के दिन ही नरक चतुर्दशी पड़ रही है। 27 अक्टूबर को दीपावली के दिन सुबह रूप चौदस का योग भी रहेगा। रविवार सुबह चौदस तिथि रहेगी और शाम को अमावस्या रहेगी। 27 अक्तूबर को भी सुबह रूप चौदस रहेगी और प्रदोष कालीन अमावस्या रात में होने से दीपावली 27 को ही मनाना श्रेष्ठ है।
श्री शुक्ल के मुताबिक दीपावली का महापर्व एक ओर जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम द्वारा रावण का संहार कर अयोध्या वापसी पर विजय पर्व के रूप में मनाया जाता है, वहीं उनके सेवक श्री हनुमान जी के साथ भी इसी महापर्व का गहरा संबंध हैं।
मान्यता है कि कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसीलिए इस दिन नरक चतुर्दशी के साथ-साथ हनुमान जयंती भी दीपावली के ही दिन यानि 27 अक्टूबर को मनायी जाएगी। उत्तर भारत में हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन मनाया जाता है, वहीं दक्षिण भारत में इनकी जयंती चैत्र पूर्णिमा के दिन मनाये जाने का विधान है। वायु पुराण के अनुसार शिव जी के अवतार के रूप में कार्तिक मास की कृष्णपक्ष की चतुर्दशी के दिन हनुमान जी का जन्म देवी अंजना माता के गर्भ से हुआ था।