शक्ति पीठ के रुप में होती है मां चैती पुजा

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काशीपुर। आश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 21 सितंबर द‍िन बृहस्पतिवार से शारदीय नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है। इनका समापन 29 स‍ितंबर द‍िन शुक्रवार नवमी को होगा। इस बार मां देवी दुर्गा का आगमन पालकी पर हो रहा है और उनका प्रस्थान चरणायुध पर होगा। ऐसे में इन नौ द‍िन तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्‍वरूपों की पूजा होती है। नवरात्र के पहले द‍िन घर में सबसे पहले कलश स्‍थापना की जा जाती है। नौ द‍िन चलने वाले इन शारदीय नवरात्र में हर द‍िन व‍िध‍िवत मां दुर्गा की पूजा की जाती है प्रति‍द‍िन मां का साज श्रृंगार करके उनकी सच्‍चे मन से अराधना भी की जाती है। माना जाता है क‍ि इनका न‍ियम‍ित पाठ करने से मां दुर्गा प्रसन्‍न होती हैं। जीवन में खुश‍ियों का आगमन होता है। नवरात्र में मां इन स्‍वरूपों की पूजा होती है। पहले दिन मां शैलपुत्री की आराधना, दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी, तीसरे दिन देवी चन्द्रघंटा की और चौथे दिन मां दुर्गा के चौथे रूप देवी कूष्मांडा की पूजा होती है। पांचवें द‍िन स्कंदमाता, छठे दिन मां के कात्‍यायनी स्‍वरूप की, सातवें दिन मां कालरात्रि, आठवें दिन मां महागौरी और नौवें द‍िन मां के सिद्धिदात्री स्‍वरूप की पूजा की जाती है। मान्‍यता है क‍ि नवरात्रो में मां दुर्गा का पृथ्वी पर न‍िवास होता है। इस दौरान माता रानी भक्‍तों द्वारा की जाने वाली पूजा प्रत्यक्ष रूप से स्‍वीकार कर व‍िशेष कृपा बरसाती हैं।
काशीपुर में स्थापित शक्तिपीठ के रुप में मां चैती की पुजा अर्चना करने का विशेष महत्व है, यहां मां की शक्ति पीठ के रुप में पुजी जाती है दूर दराज से लोग यहां नवरात्र में आते हैं और मां के दर्शन कर मनवांछिद फल की प्राप्ति करते है।