नई दिल्ली, मुख्य धारा में ‘दिव्यांगों’ को शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार की स्कूल पाठ्यक्रम में अलग-अलग दिव्यांग खिलाड़ियों पर एक अध्याय शुरू करने की योजना है।
सरकार द्वारा इस तरह की पहली पहल में “विकलांग व्यक्तियों के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत उपलब्ध खेल गतिविधियों और अवसरों” पर ध्यान दिया जाएगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) के वर्ष 2019-2020 अकादमिक सत्र के पाठ्यपुस्तकों के अध्याय में खिलाड़ियों को शामिल किया जा सकता है।
इतना ही नहीं, एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में ‘स्वास्थ्य और शारीरिक शिक्षा’ विषय का नाम अगले वर्ष से स्कूल के पाठ्यक्रम में ‘स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा और खेल’ में परिवर्तित किया जा सकता है। एनसीईआरटी केंद्र और राज्य सरकार को स्कूल के पाठ्यक्रम और पाठ की पुस्तकों पर मार्गदर्शन देती है। सभी केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) संबद्ध स्कूल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम का पालन करते हैं।
इस संबंध में हाल ही में सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण (विकलांग व्यक्तियों के सशक्तीकरण विभाग), मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी), भारतीय खेल प्राधिकरण (साई), पैरालम्पिक कमेटी ऑफ इंडिया (पीसीआई) और स्पेशल ओलंपिक भारत (एसओबी) के शीर्ष नौकरशाहों के बीच यहां एक बैठक का आयोजन किया गया था।