नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे वरिष्ठ राजनेता नारायण दत्त तिवारी का दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे और पिछले कुछ दिनों से मस्तिष्काघात (ब्रेन स्ट्रोक) के चलते अस्पताल में थे। शनिवार को हल्द्वानी में चित्रशिला घाट पर राजकीय सम्मान के साथ तिवारी का अंतिम संस्कार किया जायेगा।
तिवारी के पार्थिव शरीर को दिल्ली स्थित उनके तिलक मार्ग स्थित आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। शुक्रवार सुबह उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए लखनऊ ले जाया जायेगा। उनके सम्मान में उत्तराखंड में गुरुवार से तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है और राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार नारायण दत्त तिवारी तीन बार उत्तर प्रदेश के और एक बार उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। इसके अलावा वह केन्द्र में वित्त एवं विदेश मंत्री भी रहे हैं। वह आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल भी थे।
तिवारी का जन्म अविभाजित उत्तर प्रदेश में 18 अक्टूबर, 1925 को नैनीताल जिले के बलोती गांव में हुआ था। उत्तर प्रदेश से पृथक हुए उत्तराखंड में कांग्रेस शासन में वह पहले मुख्यमंत्री बने। उनके परिवार में उनकी पत्नी उज्ज्वला तिवारी और पुत्र रोहित शेखर हैं।
उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे , उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेताओं ने शोक व्यक्त किया है।