देहरादून, आज देर शाम, 39 वर्षीय रोहित शेखर तिवारी जो उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री स्वर्गीय श्री एनडी तिवारी के बेटे थे उनकी मौत की खबर मिलते ही, पहाड़ी राज्य में सदमे की लहरें बह गईं। रोहित को आज देर शाम हौज़ खास विलेज में उनके घर से मैक्स अस्पताल साकेत, नई दिल्ली लाया गया।
जबकि उनके निधन का सही कारण अभी तक सामने नहीं आया है। डीसीपी साउथ दिल्ली विजय कुमार ने मौत की पुष्टि के लिए एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा, “उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व दिवंगत सीएम एनडी तिवारी के बेटे रोहित शेखर तिवारी को मैक्स अस्पताल साकेत अस्पताल लाया गया है। आगे की जानकारी का इंतजार है।”
युवा रोहित शेखर को अंतिम बार हल्द्वानी में उनकी सेवानिवृत्त प्रोफेसर माँ उज्ज्वला शर्मा के साथ लोकसभा चुनाव के लिए 11 अप्रैल, 2019 को वोट डालते हुए देखा गया था। रोहित शेखर कुछ साल पहले प्रसिद्धि में तब आए जब उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री नारायण दत्त तिवारी के खिलाफ पितृत्व मुकदमा जीता था।
जबकि एनडी तिवारी का पिछले साल यानी 11 अक्टूबर को उनके जन्मदिन पर निधन हो गया था, छह महीने बाद उनके छोटे बेटे रोहित जो 39 साल के थे, अब नहीं रहे। पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय के हवाले से कहा गया, “मैं इस खबर से स्तब्ध हूं। भगवान इसको (रोहित) को अपनी चरणों में जगह दें और परिवार को आगे बढ़ने की ताकत मिले।”
इसके अलावा उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अपने टिव्ट में कहा कि ”स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी जी के सुपुत्र रोहित शेखर तिवारी जी के असामयिक निधन के समाचार से स्तब्ध हूं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति व परिजनों को असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”