चंडीगढ़, पंजाब की अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए गुरुग्रन्थ साहिब बेअदबी व बहबलकलां गोलीकांड की जांच के दौरान फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार चंडीगढ़ में एसआईटी के समक्ष पेश हुए। जहां करीब एक घंटा 40 मिनट तक एसआईटी अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की।
इस मामले में एसआईटी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व पूर्व उपमुख्यमंत्री प्रकाश सुखबीर बादल से भी पूछताछ कर चुकी है। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम व सुखबीर बादल के बीच मुम्बई स्थित अपने फ्लैट पर मीटिंग करवाये जाने के आरोपों के चलते एसआईटी ने बुधवार को फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार को सम्मन किया था। जिसके चलते अक्षय कुमार बुधवार सुबह करीब दस बजे अपने वकील संतपाल सिंह सिधू के साथ सेक्टर नौ स्थित पुलिस मुख्यालय पहुंचे। यहां एसआईटी के वरिष्ठ सदस्य आईजी कुंवर विजय प्रताप सिंह व अन्य अधिकारियों ने उनसे पूछताछ की।
सूत्रों की माने तो एसआईटी ने अक्षय कुमार से एक घंटा 40 मिनट तक पूछताछ की। इस दौरान एसआईटी ने अक्षय से करीब 42 सवाल किए। अक्षय ने एसआईटी को कहा कि वह पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल से वर्ष 2011 में हुए कबड्डी कप के दौरान ही मिले। इसके अलावा उनकी कभी व्यक्तिगत मुलाकात नहीं हुई। अक्षय ने कहा कि वह और उनका परिवार गुरु ग्रंथ साहिब में पूर्ण विश्वास रखते हैं।
वर्ष 2015 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम से मुलाकात का खंडन करते हुए अक्षय कुमार ने कहा कि उस समय वह अपनी फिल्म गब्बर इज बैक व बेबी की शूटिंग में व्यस्त थे। वह कभी भी राम रहीम या उनके परिवार के किसी सदस्य को नहीं मिले। अक्षय ने कहा कि उन पर लगाये गए तमाम आरोप फिल्मी कहानी की तरह हैं। बताया जाता है कि अक्षय ने एसआईटी को कहा कि वह पहले सभी तथ्यों की जांच करे और फिर उनसे पूछताछ करे तो बेहतर होगा।
अक्षय कुमार ने इस बात से भी इंकार किया कि उनकी पत्नी ट्विंकल राम रहीम की भक्त हैं। उन्होंने कहा कि मुम्बई के जिस क्षेत्र में वह रहते थे वहां पर राम रहीम ने भी फ्लैट लिया था। उनकी पत्नी द्वारा किए गए ट्वीट का मीडिया द्वारा गलत मतलब निकाला जा रहा है। इस पूछताछ के बाद अक्षय ने मीडिया से कोई बात नही की और वह वापस मुंबई चले गए।
क्या है पूरा विवाद
पंजाब में पूर्व अकाली भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान गुरुग्रन्थ साहिब की बेअदबी की कई घटनाएं हुईं थीं। इन घटनाओं के दौरान बहबलकलां में गोलीकांड भी हुआ था। हालांकि बादल सरकार ने इस घटनाक्रम की जांच सीबीआई को सौंप दी थी लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद अमरिंदर सरकार ने सीबीआई से जांच वापिस लेकर नए सिरे से एसआईटी का गठन किया था। इसके चलते एसआईटी ने प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल व अक्षय कुमार को जांच में शामिल होने के लिए सम्मन जारी किए थे।
कैसे आया अक्षय कुमार का नाम
बेअदबी व गोलीकांड के मामले में अक्षय कुमार का नाम बेहद नाटकीय घटनाक्रम के तहत आया। पूर्व विधायक हरबंस जलाल ने आरोप लगाया कि डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अकाल तख्त से माफी भले ही सुखबीर बादल या प्रकाश सिंह बादल के कहने पर दी गई है लेकिन इसकी पृष्ठभूमि अक्षय कुमार ने तैयार की थी। जलाल ने दावा किया था कि अक्षय के मुम्बई फ्लैट पर सुखबीर बादल व राम रहीम की मीटिंग हुई थी, जिसमें डेरामुखी को माफी देने पर सहमति बनी थी। इसी आधार पर अक्षय को एसआईटी ने आज तलब किया था।