मुख्यमंत्री रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को पत्र लिखकर कहा है कि नोटबंदी के बाद उत्तराखंड में अभी भी नकदी की भारी समस्या है। इससे बैंक, व्यापार, उद्योग, किसान, श्रमिक आदि सभी वर्ग प्रभावित हो रहे हैं। राज्य के करेंसी चेस्ट में नकदी का समुचित प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित को निर्देशित किया जाए।राज्य में कृषि व काश्तकारों को हो रहे नुकसान की ओर भी ध्यान आकृष्ट किया है। रावत ने अपने पत्र में सहकारी क्षेत्र को कृषि ऋण के लिए सहकारी बैंकों को भी नकदी उपलब्ध करवाए जाने, रबी की फसल पर बीमा कवर की अवधि को 15 फरवरी 2017 तक विस्तारित करने व राज्य के करेंसी चेस्ट में नकदी का समुचित प्रवाह सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा है कि 500 व 1000 के नोट के विमुद्रीकरण के बाद सहकारी बैंकों द्वारा जमाएं स्वीकार नहीं की जा रही हैं। खरीफ की फसल के बाद किसान अपनी नकदी को सहकारी बैंकों में स्थित अपने खातों में जमा नहीं कर पा रहे हैं। परिणामस्वरूप वे रबी की फसल के लिए फर्टीलाईजर, बीज आदि खरीदने के लिए कृषि फसल ऋण नहीं ले पा रहे हैं। इससे राज्य में रबी की फसल के उत्पादन पर विपरीत प्रभाव पड़ने की पूरी सम्भावना है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों व जिला सहकारी बैंकों में किसान अपना धन जमा नहीं करा पा रहे हैं जिससे इस संस्थाओं से उनके द्वारा लिए ऋणों पर डिफाल्टर हो रहे हैं। इससे उनकी क्रेडिट क्षमता पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। राज्य सरकार, जिला सहकारी बैंकों व अन्य अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों में किसानों के खाते खोलने पर पूरा प्रयास कर रही है। जिला प्रशासन को दैनिक आधार पर इसके लिए कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। परंतु सहकारी बैंकों में नकदी की कमी होने से, वे रबी सीजन के लिए कृषि ऋण नहीं दे पा रहे हैं। सहकारी क्षेत्र को भी नकद करेंसी उपलब्ध करवाए जाने की आवश्यकता है।
इपत्र में कहा है कि राज्य में बैंकों ने 80 प्रतिशत डेबिट कार्ड दे दिये हैं परंतु एक्टीवेशन संबंधी समस्या के कारण बैंकों से नए प्री एक्टीवेटेड कार्ड निर्गत किए जाने की आवश्यकता है। राज्य में आधार नामांकन 85 प्रतिशत है, परंतु केवल 60 प्रतिशत लोगों को ही आधार कार्ड मिल पाए हैं। इसलिए यूआईडीएआई को निर्देशित किया जाए कि लोगों को आधार कार्ड जल्द से जल्द उपलब्ध करवाए जाएे।
विमुद्रीकरण के बाद वैट, एक्साईज, स्टाम्प, रजिस्ट्रेशन आदि में राज्य सरकार के राजस्व में कमी आई है। इसकी भरपाई के लिए केंद्र सरकार द्वारा विशेष सहायता प्रदान की जाए।
देहरादून 09 दिसम्बर, 2016(सू.ब्यूरो)