कोरोना के लिहाज से संवेदनशील होते जा रहे राज्य के दो पहाड़ी जिलों, रुद्रप्रयाग और टिहरी तके नये जिलाधिकारियों ने अपना कार्यभार संभाल लिये। इसके साथ ही दोनों ने अपनी प्राथमिकतायें भी साफ कर दीं।
रुद्रप्रयाग जिले की नव नियुक्त जिलाधिकारी सुश्री वंदना चौहान ने स्टेजिंग एरिया गुलाबराय, संस्थागत एकांतवास केंद्र सम्राट होटल, सिरोबगड़ के साथ ही आइसोलेशन वार्ड कोटेश्वर और गढ़वाल मंडल विकास निगम तिलवाड़ा का निरीक्षण किया। उन्होंने निर्देशित किया कि कोरोना के खिलाफ जंग में सबसे आगे ड्यूटी दे रहे अधिकारियों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखा जाए। साथ ही 55 वर्ष से ज्यादा उम्र के कर्मचारियों को ड्यूटी में न लगाया जाए।
जिलाधिकारी ने सबसे पहले स्टेजिंग एरिया गुलाबराय और सिरोबगड़ के साथ ही आइसोलेशन वार्ड कोटेश्वर तथा तिलवाड़ा पहुंचीं और व्यवस्थाओ का जायजा लिया। उन्होंने गुलाबराय व सिरोबगड़ में बने चेकिंग कैम्प में पंखे लगाने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जितने भी अधिकारी और कर्मचारी कोरोना की ड्यूटी पर तैनात हैं, सबकी रेंडम सैंपलिंग होगी।जिलाधिकारी ने नोडल अधिकारी कंट्रोल रूम डीपी सिंह को कहा कि 55 वर्ष से ज्यादा आयु के अधिकारी कर्मचारियों को कोरोना ड्यूटी में न लगाया जाए।
अधिक लोगों के कोरोना टेस्ट कराना मेरी प्राथमिकता : डीएम मंगेश
टिहरी के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कार्यप्रभार ग्रहण करते ही कोरोना संक्रमण को लेकर जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण आई समस्याओं को दूर करना, प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाना और अधिक से अधिक लोगों की सैंपलिंग करना उनका पहला लक्ष्य है
उन्होंने सीएमओ डॉ. मीनू रावत को कोरोना अपडेट, अब तक किए गए उपायों, सैंपलिंग की जानकारी, स्वास्थ्य कर्मियों की संख्या, कोरोना के बचाव के उपकरण तमाम जानकारियां उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति से बाहर आने के लिए सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने युवा कल्याण अधिकारी को प्रत्येक एकांतवास केन्द्र और आइसोलेशन केंद्र पर दो-दो पीआरडी जवान की तैनाती के निर्देश दिये हैं। इसके अलावा उन्हें कोरोना आपदा काल के दौरान काम से कम 800 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण कर तैयार रखने को कहा गया है।
बैठक में सीएमओ को स्पष्ट निर्देश दिए कि जनपद किसी भी फैसिलिटी एकांतवास सेंटर में कोरोना पॉसिटिव केस आता है, तो उस केंद्र के सभी व्यक्तियों को तत्काल एम्बुलेंस से संस्थागत एकांतवास केंद्र लाया जाय। पॉजिटिव केस आने के बाद उसके कांटेक्ट की ट्रेसिंग एक ही दिन में पूरी की जाय। इसके लिए डीएफओ कोको रोसे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। संस्थागत एकांतवास सेंटर पर प्रत्येक कक्ष में ब्रश, मग, बाल्टी, झाड़ू, हार्पिक, पानी पीने का ग्लास और बचे हुए भोजन को डिस्पोज़ करने के लिए ब्लैक पालीथिन के इंतजाम करने के निर्देश दिये रहे।