चमोली जिले के नारायणबगड़ विकास खंड के उत्तरांचल युवा एवं रूरल डेवलपमेंट सेंटर की ओर से बद्री गाय को संरक्षित करने के लिए महिलाओं को गाय के गोबर से दिए मूर्तियां और सजावट का सामान बनाने प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
नारायणबगड़ विकासखंड के ग्राम केवर भगवती रतनी और अन्य कई ग्राम सभाओं में उत्तरांचल युवा एवं रूरल डेवलपमेंट सेंटर नारायणबगड़ की ओर से बद्री गाय और अन्य गायों को संरक्षित करने के लिए गाय के गोबर से दीपक, मूर्तियां एवं अन्य सजावट का सामान बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण में क्षेत्र की महिलाएं बड़ी संख्या में भाग लेकर गोबर से सजावटी सामान बनाने का प्रशिक्षण ले रही हैे।
संस्था के निदेशक डॉ. हरपाल नेगी ने बताया कि कई लोग जब तक गाय दूध देती है, तब तक उसको पालते और जब उनके काम की नहीं रहती है तो उसे लावारिश छोड़ देते हैं। इस कारण काश्तकार को नुकसान होता है। उन्होंने बताया कि अब गाय के गोबर से दिए मूर्तियां सजावट का सामान एवं उपले समेत अन्य कई सामानों को बनाने का प्रशिक्षण उत्तरांचल युवा एवं रूरल डेवलपमेंट सेंटर की ओर से दिया जा रहा है एवं ग्रामीण लोग इसका लाभ ले रहे हैं। उन्हें बताया कि अन्य गांव में प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे कि सभी लोगों को लाभ मिल सके। साथ ही उनका कहना था कि इस प्रशिक्षण को प्राप्त करने के बाद महिलाएं अपनी आर्थिकी भी सुधार सकती है। साथ ही गौवंश को संरक्षण भी मिलेगा।