पहाड़ी भाषाओं को पहचान दिलाने की कोशिश है नया गीत “ठंडो रे ठंडो” की

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(ऋषिकेश) गढ़वाल महासभा द्वारा लगातार गढ़वाली भाषा को उत्तराखंड में लोकप्रिय करने के लिये प्रयास किए जाते रहे हैं।  इसी कड़ी में सिफारिश म्यूजिक कंपनी की नई प्रस्तुति “ठंडो रे ठंडो” वीडियो गीत का लोकार्पण किया गया। लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारंभ समाज सेवी कमल सिंह राणा,गढ़वाल महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजे नेगी, युवा गायक एवं संगीतकार विकास बहुगुणा, लोक गायक धूम सिंह रावत एवं सामाजिक कार्यकर्ता अभिषेक शर्मा ने किया।

इस मौके पर वक्ताओं ने लोक संस्कृति के संरक्षण के लिए गढ़वाली, कुमाऊनी एवं जौनसारी भाषाओं को बढ़ावा दिए जाने पर जोर दिया। शनिवार को मायाकुंड स्तिथ निशुल्क उड़ान स्कूल में गढ़वाल महासभा द्वारा सिफारिश म्यूजिक एवं आइसोबेरिक प्रोडक्सन की नई वीडियो एलबम ठंडो रे ठंडो का भव्य लोकार्पण किया गया। एलबम के निर्देशक एवं संगीतकार विकास बहुगुणा एवं गिटारिस्ट अमित बडोनी ने बताया कि इससे पहले भी उनकी एलबम याद किले तू आणि सुपरहिट रही थी। ठंडो रेे ठंडो गीत गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी का प्रसिद्ध गीत रहा है, जिसे एक नए रूप एवं अंदाज में आधुनिक वाद्ययंत्रों के साथ पेश किया गया है। जिसका मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को अपनी बोलीं भाषा,लोक गीत संगीत के प्रति प्रेरित करना है।

गढ़वाल महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजे नेगी ने कहा कि आज युवा पीढ़ी अपनी मूल संस्कृति को भूलती जा रही है इसके संबर्धन के लिए सरकार भी पहल करे,तो उभरते कलाकारों को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। डॉ नेगी ने कहा कि एक और जहां दिल्ली की राज्य सरकार ने अपने राज्य में गढ़वाली एवं कुमाऊनी एकेडमी स्थापित करने जा रही है वहीं राज्य गठन के सत्रह वर्ष बाद भी उत्तराखंड राज्य में एकड़मी का गठन सही प्रकार से ना हो पाने के कारण आंचलिक भाषा पर खतरा मंडरा रहा है।