वृक्ष मित्र अभियान की पहल गढ़वाल के साथ ही बागेश्वर के दूरस्थ ब्लॉक कपकोट के फरसाली गांव तक पहुची, जहां वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी की पहल पर शादी के दिन को यादगार बनाते हुए विजेंद्रजीत व नेहा ने अपने शादी के दिन को यादगार बनाते हुए मित्र के रूप में फलदार पुलम व नाशपति के पौधों का रोपण किया। उन्होंने पौधे के संरक्षण करने के लिये अपने माता पिता को सौंपा और गांव के लोगो से भी ऐसे यादगार पलों पर एक पौधा लगाने की अपील की। डॉ सोनी ने दुल्हा दुल्हन को पुलम का पौधा भी उपहार में भेंट किया।
वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चन्द्र सोनी ने कहा कि, “जिस प्रकार आज उत्तराखंड के जंगल आग से धधक रहे हैं। जिसमे विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे जीवजंतु, जंगली जानवर, पक्षीया नष्ट हो रहे हैं उन्हें बचाना हम सब का काम हैं। जब तक इन जंगलों को फ़लपट्टी के रूप में विकसित करके आम आदमी के लिए आर्थिकी आमदनी व रोजगार के स्रोत नही बनाये जाएगा तब तक इस प्रकार की आगजनी घटनाओं का जन्म होता रहेगा। मेरा प्रयास हैं कि वनों को भवनाओ से जोड़कर लगाया जाऐ जिसके लिए मैं सगाई, विवाह, शादी की सालगिरह, जन्मदिन, बच्चे के जन्म, नामकरण, अन्नप्रासन, चूड़ाकर्म, देवीदेव पूजन, भागवत कथा, धार्मिक व स्थानीय मेलो, चल अचल संपत्ति खरीद, गृहप्रवेश, सपथग्रहण व सरकारी सेवको से प्रथम नियुक्ति, पदोन्नति, स्थानांतरण, सेवानिवृत्त पर अपने यादगार पलो व अपनो के नाम पर एक एक पौधारोपण करने की पहल हैं।” ऐसे यादगार पलो पर पौधारोपण से जहा वह रोपित पौधा भवनाओं से जुड़ेगा, वही उनका संरक्षण भी होगा।