हरिद्वार। पंचकों के दौरान कांवड़ उठाना अशुभ माना जाता है। शुक्रवार से पंचक शुरू हो गए हैं। इसी के साथ गंगा जल भरकर अपने गंतव्य की ओर कूच करने वाले कांवड़ियों की संख्या में कमी आई है। हालांकि कांवड़ियों का आगमन लगातार जारी है। शुक्रवार से आरम्भ हुए पंचक की समाप्ति 24 जुलाई को होगी। पंचकों के कारण इन पाचं दिनों में कांवड़ यात्रा की रफ्तार धीमी रहेगी। इसके बाद कांवड़ यात्रा में खासी तेजी देंखने को मिलेगी।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक पंचकों में काष्ठ खरीदना निषिद्ध है। इसी कारण से कुछ लोग इस दौरान कांवड़ उठाना निषिद्ध बताते हैं। इसलिए इन पांच दिनों में कम कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचेंगे। बावजूद इसके पंचकों की परवाह न करते हुए कांवड़ यात्रियों की वापसी का क्रम जारी है। उन्होंने बताया कि पंचक में बांस से बनी वस्तुओं को खरीदना निषेध माना गया है, इसलिए शिवभक्त पंचक के दौरान बांस से बनी नई कांवड़ नहीं खरीदते। जिस कारण से इस दौरान यात्रा की गति धीमी रहती है। फिलहाल अभी दूर-दराज के यात्री ही कांवड़ लेकर जा रहे हैं। जिनमें राजस्थान और राजस्थान से सटे हरियाणा व उप के शिव भक्त शामिल हैं। कांवड़ियों की संख्या के चलते सबसे बड़ी पार्किंग बैरागी कैंप में बड़ी संख्या में कांवड़ियों के वाहन खड़े हैं। जैसे-जैसे जलाभिषेक की तिथि नजदीक आती जाएगी वैसे-वैसे कांवड़ियों और वाहनों की संख्या में इजाफा होगा।