देहरादून, सिटीजन फॉर ग्रीन दून की याचिका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने पर भारी पड़ी है ऑल वेदर रोड के लिए काटे गए पेड़ों के मामले में दायर हुई याचिका पर 28 फरवरी को एनजीटी ने सरकार को काम रोकने की मौखिक हिदायत दी थी। जस्टिस जवाद रहीम की अध्यक्षता वाली चार सदस्य पीठ याचिका पर आदेश दिया है कि ऑल वेदर रोड के लिए काटे गए पेड़ों की सुनवाई 20 मार्च को होगी साथी उसी दिन इस पर निर्णय भी लिया जाएगा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में केदारनाथ बद्रीनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री को मिलाने वाली चारधाम हाईवे परियोजना पर टुकड़ों में काम किया जा रहा था और इस परियोजना में वन क्षेत्र में 356 किलोमीटर सड़क के चौड़ीकरण का काम किया जा चुका है जिसके लिए 25 303 पेड़ काटे जा चुके हैं अभी 544 किलोमीटर हाईवे का निर्माण होना बाकी है ऐसे में आगे और पेड़ की कटाई होनी है जबकि इतनी बड़ी परियोजना के लिए सिर्फ 1 मंजूरी नाकाफी है याचिका के मुताबिक चार धाम परियोजना में ऋषिकेश से धरासू एनएच-24 धरासू से यमुनोत्री धरासू से गंगोत्री ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड रुद्रप्रयाग से माना गांव और टनकपुर से पिथौरागढ़ तक विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण करना है और उन्हें आपस में जोड़ा जाना है एनजीटी के दखल के बाद फिलहाल 20 मार्च तक के लिए काम को रोकने के आदेश केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय को दे दिए गए हैं और दोनों पक्षों से कहा गया है कि वे अगली सुनवाई तक स्पष्ट जवाब दाखिल करें ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या सरकार इतनी बड़ी परियोजना के लिए पहले से सचेत नहीं थी पर्यावरण से खिलवाड़ पर पर्यावरणविद लगातार सवाल उठाते रहे हैं इतनी बड़ी परियोजना में जिसमें इतनी संख्या में पेड़ कटने है इस पर सवाल उठना लाजमी था लेकिन जल्दबाजी में उठाया गया यह कदम आने वाले दिनों में चार धाम आने वाले यात्रियों पर भी भारी पड़ेगा