सांसद निशंक को मिला इण्डोनेशिया सरकार का न्यौता

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लोकसभा में सरकारी आश्वासन समिति के अध्यक्ष और उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक को इण्डोनेशिया सरकार से विधिवत आमंत्रण मिला है। इस कार्यक्रम में डाॅ. निशंक 14 से 19 सितंबर तक हो रहे इस अंतर्राष्ट्रीय शिविर में मुख्य वक्ता के रूप में शिरकत करेंगे। जहां वे भारतीय संस्कृति और उसके मानवीय मूल्यों पर व्याखान देंगे।
गुरूदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की इण्डोनेशिया यात्रा की 90 वीं वर्षगांठ पर इण्डोनेशिया सरकार और भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में सेमिनार का आयोजन 14 से 19 सितंबर तक योगायाकाती में किया जा रहा है। इण्डोनेशिया दूतावास के शिक्षा और संस्कृति में प्रभारी प्रोफेसर इवान प्रानातो ने डाॅ. निशंक के दिल्ली स्थित आवास पर मिल कर उन्हें विधिवत निमंत्रण दिया। भारतीय कला, संस्कृति, स्थापत्य कला, मूर्तिकला, भाषा, चित्रकला, नृत्य का इण्डोनेशिया पर गहरा प्रभाव रहा है। इसी के चलते इण्डोनेशिया सरकार द्वारा गुरूदेव की यात्रा की वर्षगांठ को बड़े पैमाने पर मनाने का निर्णय लिया गया है।
डा. निशंक ने बताया कि भारतीय संस्कृति और उसके मानवीय कूल्यों पर व्याखान देंगे। उन्होंने कहा कि हिमालय भारतीय सभ्यता का जन्मदाता एवं पोषक रहा है और वे हिमालय से भारत की सद्भावना लेकर वहां जा रहे हैं। डाॅ. निशंक ने आशा प्रकट की कि उनकी इस यात्रा से दोनों देश अत्यंत निकट आएंगे। डाॅ. निशंक के साथ उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी दौरे पर जाएगा। योगायाती में हो रही इस महत्वपूर्ण बैठक में दुनिया भर से विद्वान जमा होंगे।
डाॅ. निशंक ने बताया कि वे यात्रा को लेकर बेहत उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति राष्ट्र का प्राण है और इण्डोनेशिया द्वारा भारतीय संस्कृति को पुष्पित पल्लवित किया जाना अद्वितीय है। कहा कि भारत इण्डोनेशिया विश्व शांति बंधुत्व के लिए बड़ा कार्य कर सके हैं। सांसद निशंक ने कहा कि भारत इण्डोनेशिया को सामरिक साझीदार करार दिया। उन्होंने कहा कि मानवीय मूल्यों, संस्कृति के संरक्षण, संवर्धन की इण्डोनेशिया ने अनूठी मिसाल पेश की है।
प्रोफेसर इवान प्रांतो ने डाॅ. निशंक की साहित्य पर्यावरण, गंगा सफाई हिमालय के क्षेत्र में किए गए कार्यों की सहाहना करते हुए कहा कि उनका देश भारत और इण्डोनेशिया के संबंधों को नई उंचाईयों तक ले जाने के लिए कृतसंकल्प है।
उन्होंने कहा कि संस्कृति के आदान प्रदान में बड़ी ताकत है और घनिष्ठ सांस्कृतिक संबंधों की मजबूत नींव पर मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की ईमारत खड़ी हो सकती है। डाॅ. प्रांतों ने कहा कि उनका देश डाॅ. निशंक सरीखे विद्वान राजनेता को आमंत्रित करने पर अभिभूत है। रामायण और महाभारत की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि उनका देश इस्लाम धर्मावलम्बी होने के बावजूद भारतीय संस्कृति से बेहद प्यार करता है।