निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए उत्तराखंड के 26 लोग

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कोरोना
 प्रशासन के उड़े होश, रुड़की और आसपास के जमातियों का विवरण जुटा रहे अधिकारी 
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव में जुटी उत्तराखंड सरकार और हरिद्वार प्रशासन के लिए दिल्ली के निजामुद्दीन में हुए मरकज से चिंताजनक सूचना सामने आई है। इस मरकज में उत्तराखंड के 30 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की पुष्टि से प्रशासन के होश उड़ गए हैं। पुलिस-प्रशासन अब इनकी तलाश कर रहा है। कुछ लोगों की पहचान भी हुई है। उन्हें स्वास्थ्य विभाग ने एकांतवास में भेज दिया है।
निजामुद्दीन में मुस्लिमों के सामूहिक जलसे में कोरोना पॉजिटिव पाने के बाद से प्रशासन भी हरकत में है। आनन-फानन में रुड़की व आसपास के क्षेत्रों में जमात में गए लोगों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है। बताया गया कि एक जमात मध्य प्रदेश दूसरी जमात सोनभद्र गई हुई है। रुड़की और आसपास के क्षेत्र में बाहर से सात जमात आई हुई हैं। इनमें से एक जमात बागपत जिले की, दो मेरठ की दो दिल्ली की, एक असम की और एक केरल से है। यह सभी फरवरी के अंतिम सप्ताह में रुड़की पहुंचे थे।
एसपी (देहात) स्वप्न किशोर सिंह ने बताया कि रुड़की से 11 लोग  13 से 19 फरवरी तक दिल्ली में एक धार्मिक जलसे में शामिल होने गए थे। इनमें से आठ लोगों को फिलहाल चिह्नित कर रुड़की सिविल अस्पताल भेजा गया है। बाकी को तलाशा जा रहा है। मार्च की तब्लीग में कौन-कौन लोग शामिल थे, इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। झबरेड़ा और मंगलौर से  दिल्ली और उत्तर प्रदेश जमात में गए सत्रह लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें होम क्वारंटाइन किया गया है। यह सभी सोमवार रात लौटे हैं। उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं मिला है।
एसपी (देहात) सिंह ने बताया कि मंगलौर के मलकपुरा मोहल्ले से आठ और झबरेड़ा से सात लोग 17 से 19 फरवरी तक निजामुद्दीन में जमात में शामिल हुए थे। 20 फरवरी के बाद वह उत्तर प्रदेश के जिला सुल्तानपुर में जमात में शामिल हुए। वहां के कुछ लोगों की मदद से उन्होंने एक एंबुलेंस बुक कराई। सोमवार रात एंबुलेंस उन्हें लक्सर में उत्तराखंड बॉर्डर पर बिजनौर सीमा पर बालावाली सीमा पर छोड़कर चली गई। वहां से वह रेल पटरी के सहारे लक्सर के खड़ंजा कुतुबपुर गांव पहुंचे। रात को वह अलग-अलग घरों में रहे। उन्होंने अपने परिवारवालों से बात की। उन्हें लेने के लिए एक वाहन खड़ंजा गांव गया। इस बीच पुलिस भी सक्रिय हो गई। पुलिस ने सभी आठ लोगों को जांच के लिए सिविल अस्पताल रुड़की भेजा। जांच में उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं मिले। वहीं झबरेड़ा इलाके से सात लोग जमात में गए थे। वह भी वापस लौट आए हैं।
मंगलवार की शाम स्वास्थ्य टीम ने इन लोगों का मेडिकल परीक्षण किया। अब इन सबको 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन किया गया है। अगर किसी ने  होम क्वारंटाइन का उल्लंघन किया तो मुकदमा दर्ज कर दिया जाएगा। यह आठ लोग तीन और लोगों के संपर्क में आए थे। यह तीन लोग उन्हें लेने गए थे। स्वास्थ्य विभाग तीनों का  मेडिकल करा रहा है। खड़ंजा कुतुबपुर में वह जिन घरों में रहे उनके बारे में भी प्रशासन जानकारी जुटा रहा है।उधर, भगवानपुर के डाडा जलालपुर से नौ लोग डेढ़ माह पूर्व जमात में शामिल होने गए थे। वह वापस नहीं लौटे हैं। सिरचंदी और मक्खनपुर गांव से कई दिन पहले दिल्ली जमात में 31 लोग गए थे। 10 मार्च को वह वापस लौटे। दो बार उनका मेडिकल हो चुका है। सभी स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में हैं। जेएन सिन्हा संयुक्त चिकित्सालय रुड़की के सीएमएस संजय बंसल ने बताया कि नौ लोगों की जांच की गई है। सभी को एकांतवास में रहने की हिदायत दी गई है।