हरिद्वार कुंभ आने के लिए श्रद्धालुओं पर कोई रोक नहीं

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि हरिद्वार कुंभ स्नान के लिए आने वाले यात्रियों पर किसी तरह की रोक नहीं होगी। सरकार यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए अतरिक्त बसों का भी इंतजाम करने जा रही है। उन्होंने कुंभ के लिए शंकराचार्यों और अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने को कहा है। शनिवार देर शाम सीएम आवास स्थित कैंप ऑफिस में कुंभ मेला समीक्षा बैठक में सीएम तीरथ रावत ने कहा कि कुंभ 12 वर्ष के बाद आयोजित होता है, इसलिए हर कोई इस दौरान गंगा में स्नान करना चाहता है। कुंभ के प्रति देश -विदेश के करोड़ों लोगों की आस्था भी जुड़ी है। इसलिए कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालु को किसी तरह की परेशानी न हो। सीएम ने कुंभ क्षेत्र की सड़कों की मरम्मत के साथ ही सड़कों पर पड़ी निर्माण सामग्री को तुरंत हटाने को कहा।

मुख्यमंत्री ने कुंभ मेले में आने वाले शंकराचार्यों और अखाड़ों को भूमि उपलब्ध कराने के साथ उन क्षेत्रों में जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराने को कहा। तीरथ ने कहा कि कुंभ के लिए यदि अतिरिक्त व्यवस्थाएं की जानी हो तो उसका प्रस्ताव दो दिन के अंदर शासन को उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने विभागीय सचिवों को व्यक्तिगत रूप से कुंभ कार्यों की समीक्षा के साथ ही स्थलीय निरीक्षण के भी निर्देश दिए हैं। कहा कि आने वाली शाही स्नानों में शिवरात्रि पर्व की व्यवस्थाओं से भी बेहतर सुरक्षा व्यवस्था की जाए।

मानकों का पालन जरूरी पर भय दूर हो
बाद में राजभवन में मीडिया से बातचीत में सीएम ने कहा कि कुंभ को लेकर यह डर बना हुआ था कि बिना कोविड नेगेटिव रिपोर्ट के कुंभ में नहीं जा सकते, यदि गए तो क्या होगा? इसलिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कोविड का पालन किया जाए, लेकिन लोगों के आने जाने पर रोक न लगाई जाए। यह श्रद्धा का सवाल है, इसलिए सभी को स्नान का मौका देंगे। सीएम ने कहा कि सरकार यात्रियों को लाने और ले जाने के लिए अतिरिक्त बसों का भी इंतजाम करेगी। इस अवसर पर सचिव शैलेश बगोली ने बताया कि कुंभ मेले के लिए 661 करोड़ के 203 निर्माण कार्य किए जा चुके हैं। मेलाधिकारी दीपक रावत ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं और आईजी संजय गुंज्याल ने सुरक्षा व्यवस्था पर प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में मुख्य सचिव ओमप्रकाश, डीजीपी अशोक कुमार, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, आरके सुधांशु, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, सौजन्या, आयुक्त रविनाथ रमन प्रमुख रूप से शामिल हुए।
भीड़ जोड़ने से बच रही थी पूर्ववर्ती सरकार
नई सरकार ने कुंभ को भव्य और दिव्य तरीके से आयोजित करने के लिए अपनी प्राथमिकताएं तय कर दी हैं। जो पूर्ववर्ती सरकार से काफी अलग हैं। पिछली सरकार हरिद्वार में मुख्य स्नान पर भीड़ कम रखने के लिए दूसरे राज्यों से विशेष बसें न चलाने की गुजारिश कर चुकी थी, रेलवे से भी मुख्य स्नान पर ट्रेन सेवाएं स्थगित रखने को कहा गया था। साथ ही बिना आरटीपीसीआर जांच के किसी को भी कुंभ क्षेत्र में प्रवेश न देने पर जोर दिया जा रहा था। अब तीरथ सरकार ने ना सिर्फ अतिरिक्त बस चलाने की घोषणा की है, बल्कि आरटीपीसीआर जांच के नाम पर यात्रियों को तंग न करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। इसी तरह पिछली सरकार ने अब तक अखाड़ों व संतों को भूमि भी आवंटित नहीं थी, जिससे संतों में नाराजगी बनी थी। इस पर तीरथ सरकार ने दो टूक फैसला ले लिया है।