ऋषिकेश, यूं तो पूरे देश में सब कुछ चलता है, भाई बंदी के नाम पर कोई भी काम हो वह भी आसान हो जाता है, अगर सामने वाले के सामने जाति, धर्म और भाई-बंदी का वास्ता दिया जाए, बड़े से बड़े काम चुटकियों में हो जाते हैं, और ऐसे में पुलिस विभाग तो बदनाम है। दोस्ती-यारी, भाई-बंदी और स्टाफ के चलते पूरे देश में बदनाम है, लेकिन इसके उलट उत्तराखंड पुलिस के जॉलीग्रांट चौकी इंचार्ज मंजुल रावत ने सभी पुलिसकर्मियों और सरकारी कर्मचारियों के लिए एक मिसाल कायम की है।
कहते हैं फर्ज और ड्यूटी पुलिस की शपथ का पहला अध्याय होता है और इसका पालन करना हर पुलिसवाले का कर्तव्य होता है ।जॉलीग्रांट में तैनात मंजू रावत से मिलने आज उनके छोटे भाई मृणाल रावत जो की स्वयं उत्तराखण्ड पुलिस में है, चौकी आ रहे थे, जहां पर मंजुल रावत वाहनों की चेकिंग कर रहे थे, उन्होंने देखा उनके भाई स्वयं बिना हेलमेट के बाइक चला रहे थे, इस पर चौकी इंचार्ज मंजुल रावत ने अपने छोटे भाई का चालान काट कर कानून के प्रति एक स्पष्ट संदेश दिया है।
कानून सबके लिए एक समान है चाहे वह भाई हो या स्टाफ का पुलिस सहकर्मी, कानून का उल्लंघन करने वाले को माफ नहीं किया जाएगा। अपने सगे छोटे भाई को यही नसीहत देखकर मंजू रावत भाई का चालान काटकर एक नई मिसाल कायम की है जो पूरे उत्तराखंड पुलिस के लिए एक आईना है अगर हर पुलिस वाला इस तरह के कर्तव्य पालन करें तो राज्य में अपराध के साथ-साथ रोड एक्सीडेंट में भी कमी आएगी