गंगा आरती के आधुनिकरण से कोई एतराज नहीं: प्रदीप झा

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हरिद्वार, गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि, “आरती को आधुनिकरण के लिए सरकार यदि सहयोग करती है तो उसका स्वागत है, बशर्ते गंगा आरती की पौराणिक महत्ता के साथ कोई बदलाव न किया जाए। हरकी पैड़ी को भव्यता देने के लिए केन्द्र और राज्य सरकारें प्रयासरत है। इस संबंध में सरकारों द्वारा स्वीकृति भी पहले ही मिल चुकी है। इसके तहत लेजर किरण द्वारा हरकी पैड़ी पर गंगा अवतरण आदि दिखाया जाना प्रस्तावित है।”
प्रदीप ने कहा कि, “धर्मनगरी हरिद्वार में गंगा आरती का अपना अलग ही महत्व है। इसे देखने देश ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु यहां आते हैं। हरिद्वार में गंगा आरती अतीत से ही होती चली आ रही है। पौराणिक मान्यता के अनुसार हरिद्वार में सबसे पहले साक्षात भगवान ब्रह्मा ने मां गंगा की आरती की थी। जिसके बाद गंगा आरती सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और अब कलयुग में भी जारी है। धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाली गंगा आरती इतनी प्राचीन होने के बावजूद भव्य रूप नहीं ले सकी, जितनी वाराणसी एवं दूसरे शहरों में होती है।” 
पिछले 103 सालों से महामना भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय द्वारा बनाई गई संस्था  गंगा सभा के प्रतिदिन बिना किसी गतिरोध के हरकी पैड़ी के ब्रह्मा कुंड पर दो बार गंगा आरती का आयोजन करती है। जिसका हिन्दू स्वाबिलंबियों के लिए खास महत्व है। गंगा सभा हरकी पौड़ी पर गंगा आरती को आयोजित करते समय इसकी भव्यता से ज्यादा ध्यान इसके प्राचीन स्वरूप एवं इसके आध्यात्मिक विधि-विधान पर देती है। हरकी पौड़ी पर होने वाली गंगा आरती को पूर्ण विधि-विधान के साथ संपन्न कराया जाता है।
प्रदीप ने कहा कि, “आरती को आधुनिकरण के लिए सरकार यदि सहयोग करती है स्वागत है, बशर्ते गंगा आरती की पौराणिक महत्ता के साथ कोई बदलाव न किया जाए।” युवा तीर्थ पुरोहित उज्ज्वल पंडित बताते है कि, “हरिद्वार के विश्व प्रसिद्ध हरकी पौड़ी पर होने वाली गंगा आरती शास्त्रों के अनुरूप ही की जाती है। यहां पौराणिक विधि विधान के साथ मां गंगा की पूजा एवं आरती संपन्न होती है। जिसमें मां गंगा को दूध, दही चढ़ाकर अभिषेक किया जाता है। साथ ही मां गंगा का दिव्य श्रृंगार गुलाल रंग से सम्पन्न किया जाता है। जिसको देखने लाखों श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं।”