शाही शादी: ‘पालिका में 30 लाख रुपये जमा कराने की बात गलत’  

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देहरादून,  उत्तराखंड की औली में होने वाली शाही शादी चर्चा का विषय है। इस शाही शादी में 200 करोड़ रुपये खर्च करने पर हाईकोर्ट नैनीताल ने पर्यावरण की क्षति को लेकर 5 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। साथ ही इस शादी के लिये औली में बनाए गए आठ अस्थाई हैलीपेड के प्रयोग पर भी रोक लगा दी है। इस शादी के कारण इन दिनों उत्तराखंड चर्चाओं में है। इस संबंध में औली पालिकाध्यक्ष ने मीडिया में अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया है कि शादी समारोह की अनुमति पालिका ने नहीं बल्कि जिला प्रशासन ने दी है, मंगलवार को भी इस मामले की सुनवाई होनी है।
एनआरआई कारोबारी गुप्ता बंधुओं अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता के बेटों सूर्यकांत और शशांक के परिणय संस्कार कार्यक्रम पर हाईकोर्ट नैनीताल की रोक से उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन बनाने की योजना को प्रकारान्तर में झटका लगा है। मुख्य न्यायालय रमेश रंगनाथन, न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ ने जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता रक्षित जोशी के प्रकरण पर सुनवाई करते हुए इसकी जानकारी ली। इस संदर्भ में नगर पालिका द्वारा दी गई अनुमति की भी जानकारी न्यायालय को दी गई, जिसके लिए नगर पालिका के कोष में 30 लाख रुपये जमा करने की बात की गई है।
उल्लेखनीय है कि एनआरआई कारोबारी गुप्ता बंधुओं अजय गुप्ता और अतुल गुप्ता के बेटों की 18 जून से 22 जून तक उत्तराखंड के औली में शादी का कार्यक्रम रखा गया है। इस शाही शादी में वर पक्ष वाले दक्षिण अफ्रीका तथा वधु पक्ष के लोग दुबई के निवासी हैं। औली के बुग्यालो में होने वाले इस विवाह समारोह में दायर हुई जनहित याचिका के बाद हाईकोर्ट ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नजर रखने का निर्देश दिया है। आज भी मामले पर सुनवाई होनी है।
इस जनहित याचिका के बाद भारतीय मूल के अप्रवासीय व्यवसायी गुप्ता बन्धुओं के बेटों की औली में शाही शादी के कार्यक्रम पर विवाद खड़ा हो गया है। समारोह की आयोजक कंपनी के अधिवक्ता ने बताया कि नगर पालिका को इस आयोजन के लिये अनुमति दिये जाने को 30 लाख की धनराशि देने की बात हुई है। पालिकाध्यक्ष शैलेंद्र पंवार ने मीडिया को बताया कि औली में शादी समारोह के आयोजन को लेकर जिला प्रशासन ने अनुमति दिये जाने की बात कही थी। इस पर नगर पालिका की ओर से औली के भूमि के दस्तावेजों की जांच करवाई गई। जांच में आयोजन स्थल की भूमि पर्यटन विभाग के अधिकार क्षेत्र में पाई गई, जिसके बाद आयोजकों ने सफाई व्यवस्था के लिये नगर पालिका से मांग की। हालांकि इस पर नगर पालिका की ओर से 13 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर आयोजकों को दिए जाने की बात कही गयी है।
पालिकाध्यक्ष ने आयोजकों के नगर पालिका को 30 लाख रुपये का भुगतान किये जाने की बात को गलत बताया है। इस प्रकरण पर उक्रांद के केंद्रीय प्रवक्ता सतीश सेमवाल ने राज्य सरकार पर गुप्ता बंधुओं के साथ सांठगांठ करने का आरोप लगाया है।