गोपेश्वर। चमोली में पर्यटकों की पहली पसंद औली में अब पर्यटकों को बर्फ पर चहलकदमी और स्कीइंग करने के लिए अतिरिक्त धन खर्च करना होगा। यहां सरकार की ओर से औली में बर्फ पर चलने के लिए कर निर्धारण कर लिया है। इसके लिए सरकार द्वारा जीएमवीएन को आदेश दे दिए हैं। सरकार के इस आदेश से जहां पर्यटक और स्थानीय लोग स्तब्ध हैं। वहीं विभागीय अधिकारी स्वयं असहज महसूस कर रहे हैं।
औली में शीतकालीन पर्यटन को बढावा देने के लिये सरकार की ओर स्थानीय लोगों की नाप भूमि, वन पंचयात, गौचर और पनघटों का अधिग्रहण कर करीब डेढ किमी लम्बा स्कीइंग स्लोप तैयार किया गया था, लेकिन वर्तमान तक स्लोप के संरक्षण के लिये कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लापरवाही का आलम यह है कि वर्तमान तक यहां स्लोप के दोनों किरानों का खुला छोडा गया है, लेकिन अब सरकार की ओर संरक्षण के नाम पर स्की स्लोप पर प्रवेश करने के लिए कर निर्धारण कर लिया गया है।
पर्यटन विभाग के महाप्रबंधक बीएल राणा द्वारा जारी आदेश के अनुसार यहां अब स्कीइंग स्लोप पर प्रवेश के लिये बाहरी क्षेत्रों से आने वाले पर्यटकों को 500 रुपये और स्थानीय पर्यटकों को 200 सौ रुपये का भुगतान करना होगा। विभाग की ओर से जारी आदेश की जानकारी मिलने के बाद स्थानीय लोग और पर्यटक हतप्रभ हैं। पूर्व पालिका अध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती का कहना है कि जहां औली में वर्तमान तक सरकार की ओर से पर्यटकों के लिये सुविधाएं नहीं जुटाई जा सकी हैं। ऐसे में इस प्रकार के फैसले से यहां पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या को कम करेगा। स्थानीय निवासी कमल रतूडी का कहना है कि स्लोप के संरक्षण के लिये अन्य कार्य करने के बजाय कर निर्धारण करना न्यायोचित नहीं है। सरकार अपने फैसले पर पुर्नविचार करना चाहिए।