उत्तराखंड में ऑड-ईवन नंबर के आधार पर वाहनों की परिचालन व्यवस्था खत्म

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मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर वाहनों के लिए लागू की गई ऑड-ईवन रजिस्ट्रेशन नंबर वाली व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। इससे लोगों को हो रही व्यावहारिक कठिनाइयों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस संबंध मे अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। यह जानकारी एक सरकारी प्रवक्ता ने बुधवार शाम यहां दी।
दरअसल शासन ने लॉक डाउन 4.0 के संबंध में दो दिन पहले उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मुख्य सचिव की ओर से विस्तृत गाइड लाइन जारी की गई थी। इसमें जिलों को जोन में बांटने के साथ ही यहां संचालित की जाने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई थी। इसमें सबसे अहम बात यह थी कि शासन ने राज्य के सभी आठ नगर निगम क्षेत्रों यानी हल्द्वानी, रुद्रपुर, हरिद्वार, काशीपुर, देहरादून, कोटद्वार, ऋषिकेश और रुड़की में बुधवार से चारपहिया वाहनों के संचालन के लिएऑड-ईवन नंबरप्लेट का फार्मूला लागू करने का निर्णय लिया था। इसके तहत तिथि के आधार पर वाहनऑड-ईवन रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट के आधार पर संचालित होंगे।
बुधवार को  इसका पहला दिन था, लेकिन कई स्थानों पर दोनों तरह के चारपहिया वाहन सड़कों पर उतर आए। इन्हें नियंत्रित करने में पुलिस को भी दिक्कत हुई और लोग भी परेशान हुए। शाम होते-होते मामला मुख्यमंत्री तक पहुंचा और उन्होंने अधिकारियों को सम-विषम नंबरवाली व्यवस्था को खत्म करने के निर्देश दिए।
उधर, सचिव शैलेश बगोली ने बुधवार को जारी एक आदेश में कहा है कि लॉक डाउन 4.0 के दौरान 31 मई तक उत्तराखंड के ऑरेंज और ग्रीन जोन में वर्गीकृत जनपदों में सार्वजनिक परिवहन के संचालन के संबंध में मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) के निर्धारण के निर्देश परिवहन विभाग को प्राप्त हुए हैं। इसके तहत अंतर्राज्यीय मार्गों पर सार्वजनिक परिवहन सामान्यतः प्रतिबंधित रहेगा। विशेष परिस्थितियों में राज्य के नोडल अधिकारी, मंडलायुक्त एवं जिला मजिस्ट्रेट द्वारा अनुमति दी जा सकेगी।
उन्होंने बताया कि राज्य के ऑरेंज और ग्रीन जोन वाले जनपदों में राज्य के भीतर एवं अनुमति मिलने पर अंतर्राज्यीय मार्गों पर सिटिंग क्षमता के 50 प्रतिशत यात्रियों को लेकर सार्वजनिक परिवहन संचालित किए जा सकेंगे। चालक के अलावा ई रिक्शा में 2 लोग, ऑटो रिक्शा में एक, विक्रम में 2 या 3 (क्षमता के हिसाब से), टैक्सी कैब में 2, मैक्सी कैब में 3 और 4 और मिनी बस में क्षमता के 50 प्रतिशत यात्री ही बैठ सकेंगे। इन वाहनों को सवारी बैठाने और उतारने के बाद सेनेटाइज करना अनिवार्य होगा। वाहनचालक और परिचालक को फेस मास्क, ग्लब्स आदि का उपयोग करना अनिवार्य होगा और यात्री को मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इन्हें मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु अपलोड करना अनिवार्य होगा। जनपद या राज्य से बाहर यात्रा करने की स्थिति में सक्षम अधिकारी से अनुमति पत्र और पास वाहन में रखा जाना अनिवार्य होगा।