हरिद्वार। हरिद्वार जनपद के रुड़की में जहरीली शराब के सेवन से हुई मौत से हाहाकार मचा हुआ है। इस कांड ने राज्य को हिलाकर रख दिया है। बीते तीन दिनों से रुड़की के बालूपुर गांव में मौत का ऐसा तांडव मचा है कि हर घर से दो घंटे में अर्थी उठ रही है। घटना के बाद प्रशासन चौतरफा छापेमारी कर रहा है। साथ ही नेताओं का पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताने का सिलसिला भी जारी है, लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री और आबकारी मंत्री पीड़ित गांव जाकर उनकी सुध नहीं ले रहे हैं। ऐसे में विपक्ष कई सवाल खड़े कर रहा है।
उल्लेखनीय यूपी और उत्तराखंड से सटे रुड़की के भगवानपुर थाना क्षेत्र के बालूपुर गांव में तेरहवीं के कार्यक्रम में कच्ची शराब पीने से अबतक 100 से ज्यादा लोगों की मौतें हो चुकी है। कई लोग गंभीर हैं, जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है। घटना के बाद गांवों में घरों के चूल्हे नहीं जले हैं। कई परिवारों के चिराग बुझ गये। कई परिवारों के एकमात्र सहारा भी छिन गया है। घटना के बाद सूबे की सरकार ने कार्रवाई करते हुए छोटे कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रविवार को हरिद्वार तो पहुंचे, लेकिन वे पीड़ित गांव भगवानपुर नहीं गये। सूबे के आबकारी मंत्री प्रकाश पंत भी अब तक घटनास्थल पर नहीं पहुंच पाए हैं। जबकि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत हरिद्वार के साथ इन तीन दिनों में ऋषिकेश और कोटद्वार में आयोजित कई कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं। लेकिन अब तक मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और उनके मंत्री पीड़ित परिवारों से क्यों मिलने नहीं गए ये बड़ा सवाल बना हुआ है?
दूसरी ओर, शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक और पूर्व मुख्यमंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक रुड़की पहुंचे। किसी ने भी पीड़ित गांव में जाने की जहमत नहीं उठाई। जहां पर हर दो घंटे के अंतराल पर एक अर्थी उठ रही है। इस मामले को लेकर अब विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इसी को लेकर कांग्रेसी राज्य भर में प्रदर्शन कर सीएम और आबकारी मंत्री का पुतल फूंककर विरोध जता रहे हैं।