नई दिल्ली, देश के प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में लगातार हो रही बारिश की वजह से महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के किसानों की नई फसल खराब हो गई है। किसानों के पास जो पहले का स्टॉक है वहीं मंडियों तक पहुंच रहा है। आंध्र प्रदेश और कनार्टक से प्याज की नई खेप मंडियों तक नहीं पहुंच पाई है। इस वजह से प्याज की कीमत में पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ोतरी हो रही है। प्याज थोक में 45 रुपये और खुदरा में 55-60 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है। लगातार कीमत में हो रही बढ़ोतरी की वजह से लोगों को प्याज का तड़का कुछ महीनों तक महंगा पड़ने वाला है।
देश के सबसे बड़ी प्याज की थोक मंडी नासिक के लासनगांव में प्याज की कीमत में जबरदस्त उछाल है। इस मंडी में प्याज चार हजार रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है। प्याज की कीमत चार साल में पहली बार इस उच्च स्तर पर पहुंची है। इससे पहले साल 2015 में 16 सितंबर को प्याज का थोक दाम 4,300 रुपये प्रति क्विंटल था। इसी साल 22 अगस्त को देश के इतिहास में प्याज के थोक दाम में सबसे ज्यादा इजाफा देखा गया था।
एशिया की सबसे बड़ी आजादपुर मंडी में शुक्रवार को प्याज की थोक कीमत 35 से 45 रुपये प्रति किलो रही। प्याज के आढ़ती एचएस भल्ला के अनुसार मंडी में प्याज की कीमत में 10 रुपये तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। भल्ला का कहना है कि यह बढ़ोतरी पूरे देश और खासकर पुणे, नासिक और दिल्ली में एक समान है। इसकी मुख्य वजह लगातार हो रही बारिश की वजह से प्याज की नई फसल का खराब होना है।
थोक कीमत में बढ़ोतरी की वजह से प्याज खुदरा बाजार में 55-60 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में ग्राहक प्याज की बढ़ी कीमत के वजह से परेशान हैं। हालांकि, सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं। मदर डेयरी के सफल स्टोर में प्याज की कीमत 23.90 रुपये प्रति किलो है। निर्यात मूल्य बढ़ने पर आयात करने की बात कही गई है।