उत्तराखण्ड जनरल ओबीसी इम्प्लाइज एसोसिएशन ने पेयजल निगम में वरिष्ठता का निर्धारण मैरिट के स्थान पर आरक्षण रोस्टर के आधार पर किए गए नियम विरुद्ध निर्णय का विरोध किया है।
उत्तराखण्ड जनरल ओबीसी इम्पलाईज एसोसिएशन के प्रान्तीय अध्यक्ष दीपक जोशी और प्रान्तीय महासचिव विरेन्द्र सिंह गुसाईं ने एक जारी बयान में कहा कि सचिव पेयजल विभाग ने कार्मिक विभाग की ओर से स्थापित वरिष्ठता निर्धारण के मानकों के विपरीत कार्मिक विभाग की विषयवस्तु एवं अधिकारिता क्षेत्र का अतिक्रमण किया है। विभागीय वरिष्ठता निर्धारण के लिए कार्मिक विभाग की ओर से नियम और शर्तें निर्धारित हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्णय को सक्षम स्तर पर पुर्नविचार याचिका के माध्यम से संशोधित कराने के वजाए एकाएक आनन-फानन में इस तरह के नियम विरुद्ध निर्णय प्रतिपादित करना संविधान के अनुच्छेद 14 व 16 का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि वरिष्ठता निर्धारण आरक्षण रोस्टर के आधार पर किये जाने के तुगलकी फरमान और निर्णय का प्रदेश का सामान्य ओबीसी वर्ग कड़ा विरोध करता है। इस कड़ी में शीघ्र ही सचिव कार्मिक,मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री से मिलकर अपना प्रभावी पक्ष रखा जाएगा। इस अवैधानिक एवं एकतरफा निर्णय के विरोध में एसोसिएशन जल्दी ही अपनी अधिकारिक बैठक कर आगे की रणनीति तय करेगा।