विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। कांग्रेस ने श्राइन बोर्ड का विरोध करते हुए सदन के अंदर जोरदार हंगामा किया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने तीन बार सदन को स्थगित किया ।कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्ष को संज्ञान में तक नहीं लियाना ही कुछ विचार विमर्श किया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदेश और उपनेता प्रतिपक्ष करण मेहरा ने सरकार पर जोरदार हमला किया। तो सरकार ने विपक्ष पर चर्चा से भागने और सदन की कार्यवाही में अनावश्यक रूप वव्यधान डालने का आरोप लगाया। वही पंडा समाज का भारी विरोध जारी है। हजारो की सँख्या में पंडा समाज के लोगों ने विधानसभा कूच किया जहां पुलिस के साथ उनकी काफी नोक झोंक हुई।
श्राइन बोर्ड पर हंगामा थमने का नाम नही ले रहा। विपक्ष से लेकर पंडा समाज और पुरोहित सरकार पर चौतरफा हमला कर रही है। जहाँ पंडा समाज के हजारों लोगों ने विधानसभा का घेराव किया जहां पुलिस के साथ उनकी तीखी नोक झोंक हुई। वही सदन में पूरा विपक्ष श्राइन बोर्ड के मामले पर सरकार पर हमलावर रहा और सदन में जोरदार हंगामा किया जिसके चलते कई बार सदन की कार्यवाही को रोकना पड़ा । जहाँ विपक्ष का आरोप है कि सरकार बिना किसी चर्चा के यह बिल पास करना चाहती है।एक तरफ विधेयक पटल पर रखे जा रहे है, दूसरी तरफ विपक्ष श्रयान बोर्ड को लेकर नारायण-नारायण के भजन गाकर विरोध जता रहे थे।
कार्यमंत्रणा बैठक में श्राइन बोर्ड का मामला नही आने पर नेता प्रतिपक्ष का एतराज जताया और सरकार पर चुपके से पास कराने का आरोप लगाया और वही वेल में आकर कांग्रेसी विधायक हंगामा करने लगे। पुरोहितो का कहना है कि सरकार कह रही है कि सरकार कह रही है कि पंडा समाज से बात की गई है ,पर सरकार सरासर झूठ बोल रही है । श्राइन बोर्ड पर सरकार ने किसी से भी बात नही की है और अगर सदन में अगर उनके पक्ष में फैसला नही आया तो पुरोहित समाज न्यायालय के समक्ष जाकर अपनी लड़ाई लड़ेगी।
कांग्रेस के केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि सरकार श्राइन बोर्ड लाकर चारों धामों की पूजा पद्धति को खत्म करना चाहती है, सरकार किसी को विश्वास में नहीं ले रही है। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि कार्य मंत्रणा की बैठक में श्राइन बोर्ड का मामला नहीं आया ना ही इस पर कोई चर्चा हुई।
आज चारों धाम सहित जो भी मंदिर श्राइन बोर्ड के अंदर आ रहे हैं उनके तीर्थ पुरोहित परेशान हैं प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बिल को सबके सामने रखना चाहिए था सरकार ने किसी के सामने यह बिल नहीं रखा, कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर लगातार हमलावर रही जिसकी वजह से चौथे दिन का प्रश्न का हल नहीं चल पाया।
वही भारी हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। भोजनकाल के बाद भारी हंगामे के बीच कुछ विधेयक पास कराने में सरकार जरूर सफल हुई पर साइन बोर्ड का मसला आज भी लटका रहा सरकार ने विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है और इस पर सभी की सहमति से ही इस पर काम किया जाएगा पर विपक्ष बिना साइन बोर्ड के बारे में पढ़े बात कर रही है विपक्ष खाली हंगामा कर रहा है।