उत्तरकाशी। यमुनोत्री हाइवे पर ओजरी के पास बन रहे वैकल्पिक मार्ग का निर्माण अभी पूरा नहीं हो पाया है। मार्ग की अभी जो मौजूदा स्थिति है, उससे इसे बनने में अभी एक सप्ताह से अधिक का समय लगना तय है। विशेषज्ञों के अनुसार इस वैकल्पिक मार्ग पर यमुना नदी को पार करने के लिए जब तक पुल का निर्माण अथवा ह्यूम पाइप नहीं बिछाया जाता, तब तक यह मार्ग यमुनोत्री हाइवे का विकल्प नहीं बन सकता।
सितंबर के दूसरे सप्ताह ओजरी के पास पहाड़ी से भूस्खलन होने के कारण यमुनोत्री हाइवे बंद हुआ था। इसके चलते जिला प्रशासन ने ओजरी से स्यानाचट्टी तक वैकल्पिक मार्ग बनाने का निर्णय लिया। 19 सितंबर से मार्ग का निर्माण शुरू हुआ, लेकिन अब तक वह बनकर तैयार नहीं हुआ है। साथ ही वैकल्पिक मार्ग के हाइवे का विकल्प बनने के आसार भी नजर नहीं आ रहे। मौके पर तैनात इंजीनियरों का कहना है कि वैकल्पिक मार्ग का समरेखण भी सही नहीं है। कहीं मार्ग पर चढ़ाई बहुत अधिक है तो कहीं उतराई। नदी के किनारे बने करीब 200 मीटर मार्ग का अस्तित्व भी खतरे में है। यमुना नदी को पार करने के लिए न तो नदी में ह्यूम पाइप डाले जा रहे हैं और न पुल का ही निर्माण किया जा रहा। ऐसे में यमुना को पार करते समय खासकर छोटे वाहन नदी के बीच में ही फंस सकते हैं। फिर इस मार्ग का उपयोग सिर्फ शीतकाल में हो सकता है, जब नदी का जलस्तर न्यून रहता है। जबकि, इस अवधि में यात्रा होती ही नहीं। नाम न छापने की शर्त पर लोक निर्माण विभाग के एक इंजीनियर ने यहां तक कहा कि 2.5 किलोमीटर लंबे वैकल्पिक मार्ग का करीब एक किलोमीटर हिस्सा तो पैदल मार्ग बनाने लायक भी नहीं है। यहां पूरी जमीन दलदली है और कुछ हिस्सा नदी के बहाव क्षेत्र में आ रहा है। बता दें कि लोनिवि बड़कोट वैकल्पिक मार्ग के निर्माण में 20 लाख रुपये से अधिक खर्च कर चुका है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि मुख्य हाइवे न खुलने की स्थिति में वैकल्पिक मार्ग बनाने का निर्णय लिया गया था। वैकल्पिक मार्ग पर वाहन कैसे आवाजाही कर पाएंगे, इस संबंध में तो इंजीनियर ही बेहतर बता सकते हैं। वहीं, लोनिवि बड़कोट के ईई जेपी रतूड़ी कहते हैं कि वैकल्पिक मार्ग को वाहनों की आवाजाही लायक बनाने में अभी एक सप्ताह का समय लग सकता है। यमुना नदी को पार करने के लिए पानी में पत्थर बिछाकर रपटा बनाया जाएगा। यहां ह्यूम पाइप डालने अथवा पुल निर्माण का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है
ओजरी के निकट जहां से वैकल्पिक मार्ग को यमुना नदी में पार किया जाना है, वहां पर बहाव क्षेत्र छह से सात मीटर चौड़ा है। पानी का लेबल भी यहां डेढ़ से दो मीटर गहरा है। ऐसे में बिना पुल अथवा ह्यूम पाइप के वाहन नदी कैसे पार करेंगे, यह समझ से परे है। दूसरी ओर, नदी से लेकर स्यानाचट्टी तक तो वैकल्पिक मार्ग को बिना समरेखण के ही बनाया जा रहा है।
उत्तरकाशी के जिला अधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि ओजरी में वैकल्पिक मार्ग केवल इसी सीजन के लिए बनाया जा रहा है। जहां तक नदी को पार करने का सवाल है, वहां पर फिङ्क्षलग की जानी है, ताकि आसानी से नदी पर हो सके। स्थायी समाधान के लिए ओजरी से त्रिखली होते हुए मार्ग बनना है। इस मार्ग पर वन भूमि आ रही है, जिसके हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू होनी है।