आजीविका सुधार परियोजना की शाखा हवालबाग की बेकरी के मंडुआ बिस्कुट की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस बेकरी में उत्पादिक बिस्कुटों को देश की राजधानी के विभिन्न सरकारी कार्यालयों से करीब 30 लाख रुपये का आर्डर मिला है।
हवालबाग ब्लॉक मुख्यालय में एकीकृत आजीविका सुधार परियोजना के स्वायत्त सहकारिताओं की यह बेकरी है। इस बेकरी में मंडुआ यानी रागी के बिस्कुट, केक, मफीन और अन्य उत्पाद बनते हैं। बेकरी के करीब परिसंस्करण इकाई में स्थानीय फलों का जूस, जैम और मुरब्बा भी बनाया जाता है। यहीं पहाड़ की विभिन्न औषधियों की हर्बल टी भी बनाई जाती है। मगर मंडुआ बिस्कुट काफी लोकप्रिय हो रहे हैं।
परियोजना अधिकारी कैलाश भट्ट ने बताया कि इकाई को अब तक 30 लाख रुपये के बिस्कुटों का आर्डर मिल चुका है। चुनाव आयोग के दिल्ली कार्यालय को 16 लाख और गेल को चार लाख रुपये के बिस्कुट भेजे जा चुके हैं। ओएनजीसी, लालबहादुर शास्त्री एकेडमी और एटीआई से भी आर्डर मिला है। बुरांश, तुलसी, थाइम, रोजमैजी और अनुप्रयोगी समझी जाने वाली बिच्छू घास की चाय भी तैयार की जा रही है। बिच्छू घास की चाय का आर्डर भी गेल और चुनाव आयोग से मिला है।