उत्तराखंड को घीरे घीरे ऑर्गेनिक खेती का हब बनता जा रहा है। 2017 से अल्मोड़ा जिले में स्थित टोटाम जगह पर ‘दि पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरंट और मोटल‘ चल रहा है।खास बात यह है कि रामनगर से केवल 40 किलोमीटर की दूरी पर है, इस रेस्टोरेंट मे परोसा जाने वाला खाना केवल आर्गेनिक उत्तराखंडी फसल से बनाया जाता है जिसकी खेती भी इसी मोटल के पीछे खेतों मे की जाती है।इसके अलावा आर्गेनिक पहाड़ी की अपनी डेयरी भी है, होटल में कुल 9 कमरे है जो लकड़ी के बनाए हुए है और इनकी दीवारो, बालकनी, दरवाज़ो पर की गई नक्काशी उत्तराखंड के आर्ट और कल्चर को दर्शाती है।
पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट के बारे मे बात करते हुए सुमांन्था घोश ने बताया कि, “इस आर्गेनिक होमस्टे की वजह से आसपास के लोगो को रोजगार तो मिल ही रहा है साथ ही क्षेत्रीय लोगों को आर्गेनिक खेती के बारे मे भी जागरुक किया जाता है।” समान्था कहते है कि, “दि पहाड़ी आर्गेनिक के माध्यम से हम उत्तराखंड की परंपरा और यहां की संस्कृति हम दुनियाभर में पहुंचाना चाहते हैं।”
अगर आप उत्तराखंड के और करीब जाना चाहते है तो पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरेंट पहुंचने पर आपका स्वागत उत्तराखंड के मशहूर छोलिया नृत्य से किया जाएगा, उसके बाद मेहमानों को आर्गेनिक खेती के बार में जानकारी देने के लिए उन्हे खुद खेतों में ले जाकर बताया जाता है कि किस तरह खेती रोज़गार का साधन बन सकती है। रात को खाने के साथ बोनफायर और एडवेंचर का शौक रखने वालों के लिए हर तरह के एडवेंचर का इंतजाम भी पहाडी आर्गेनिक कराता है।
सुमांन्था से यह पूछने पर कि उत्तराखंड को ही पहाड़ी ऑर्गेनिक रेस्टोरंट के लिए क्यों चुना? इसपर उनका जवाब था कि, “हम सब उत्तराखंड के है और यहा के आर्ट-क्राफ्ट से बहुत ही प्रभावित है।आर्गेनिक होमस्टे के माध्यम से हम लोगो को अपनी संस्कृति और परंपरा के बारे में बताना चाहते है, खासकर यहां के क्यूज़िन के बारे मे लोगो को बताना हमारा मुख्य उद्देश्य है।” सुमांन्था कहते है की, “उत्तराखंड के क्यूज़िन को कम सफलता मिलती है वजह चाहे जो हो और हम उसी टैग को हटाने के लिए यहां के क्यूजिन को प्रमोट कर रहे है।”
गौरतलब है कि अब तक हजारो ट्रैवलर का ठिकान बन चुका दी पहाड़ी ऑर्गेनिक अब अपने मेहमानों के लिए और भी नए आयाम लेकर आ रहा है, और यहां आने वाले मेहमान केवल उत्तराखंड से नही बल्कि दिल्ली, एनसीआर, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, हरियाणा, गुजरात आदि जगहों से है।
तो अगर आप भी खाने के शौकीन है और कुमाऊं की तरफ जा रहे है तो अल्मोड़ा ज़िले के दि पहाड़ी रेस्टोरंट और मोटल में जाना ना भूले क्या पता आपको भी पहाड़ के कुछ नए क्यूज़िन खाने का मौका मिल जाए।