दुर्घटना संभावित स्थलों पर बनाए पैरापैड: मंगेश 

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रुद्रप्रयाग, जिलाधिकारी ने जनपद में पूर्व में हुई दुर्घटनाओं की जांच तहसीलों से ससमय से नहीं आने पर नाराजगी जाहिर की। साथ ही दुर्घटना संभावित स्थलों पर मनरेगा के माध्यम से पैरापैड बनाने पर जोर दिया।
जिला कार्यालय कक्ष में  जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि पैरापैड बनाने को लेेकर निर्माणदायी संस्थाओं को दुर्घटना संभावित स्थलों को ग्रामसभावार चिन्हित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद में पूर्व में हुई दुर्घटनाओं की जांच तहसीलों से समय से न आने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित मजिस्ट्रेटों को पन्द्रह दिन के भीतर जांच कर अपनी आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश  दिए। कहा कि जनपद में पांच जांच लंबित पड़ी हुई है्ं, जिससे पीड़ितों को ससमय मुआवजा नहीं मिल पा रहा है। मानसून अवधि में निर्माणदायी संस्थाओं द्वारा नाली, स्क्रबर, सफाई, गडढे भरान आदि किए हुए कार्यों की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
बैठक में एआरटीओ मोहित कोठारी ने बताया कि, “अप्रैल से जून तक विभाग की ओर से 1291 चालान, 69 प्रकरणों पर ड्राइविंग लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति, तीन वाहन चालकों को शराब पीकर गाडी चलाने पर जेल भेजा गया। इसके साथ ही इस वित्तीय वर्ष में छः दुर्घटनाएं हुई, जिसमें चार मृतक व 28 लोग घायल हुए। परिवहन विभाग द्वारा टैक्सी यूनियन के चालक व परिचालकों को समय-समय पर परिवहन नियम व सुरक्षा के संबंध में सेन्सटाइज किया जाता है। अब विद्यालय में ग्याहरवीं व बारहवीं के विद्यार्थियों को भी सेन्सटाइज करने की रणनीति है, जिसे पन्द्रह दिन के भीतर शुरू कर दिया जाएगा।”
इस मौके पर पुलिस अधीक्षक अजय सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ एसके झा, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ परमानन्द, जखोली देवमूर्ति यादव, डिप्टी कलेक्टर एनएस नग्नयाल, अधिशासी अभियन्ता एनएच जेके त्रिपाठी, अधिशासी अभियन्ता ऊखीमठ मनोज दास, आर आई रोमेश अग्रवाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।