करतारपुर जाने वाले भारतीय सिख तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट अनिवार्य नहीं 

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नई दिल्ली, संत गुरुनानक देव की 550वीं जयंती के पावन प्रकाशोत्सव पर पाकिस्तान जाने वाले सिख तीर्थयात्रियों के लिए राहत भरी सूचना है। पाकिस्तान ने कहा है कि भारत से करतारपुर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए पासपोर्ट की जरूरत नहीं होगी। यह घोषणा पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने की है। मीडिया रिपोर्ट्स में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि भारत से करतारपुर की तीर्थयात्रा पर पहुंचने वाले सिखों को अब पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी। इमरान खान ने साफ किया है कि करतारपुर आने वाले सिख तीर्थयात्रियों के पास सिर्फ वैध पहचान पत्र का होना ही काफी होगा। इसके अलावा करतारपुर आने के लिए 10 दिन पहले पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी। साथ ही उद्घाटन के दिन के अलावा गुरुजी के 550 वें प्रकटोत्सव पर कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि करतार कॉरिडोर के लिए तीर्थयात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो चुका है। भारतीय सिख श्रद्धालुओं का पहला जत्था 5 और दूसरा 6 नवम्बर को गुरुधाम के लिए रवाना होगा। इमरान खान की यह घोषणा इसलिए महत्वपूर्ण है कि इससे पहले पाकिस्तान हर श्रद्धालु से 20 अमेरिकी डॉलर यानी 1428 रुपये वसूलने पर अड़ा हुआ था।
करतारपुर, लाहौर से करीब 125 किलोमीटर दूर नरोवाल में है। 9 नवम्बर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन होना है। करतारपुर कॉरिडोर सिख श्रद्धालुओं के लिए अहम है। करतारपुर में ही संत गुरुनानक देव जी ने अपनी जिंदगी के आखिरी साल गुजारे हैं। पाकिस्तान ने इस मौके को यादगार बनाने के लिए एक सिक्का जारी किया है। 9 नवंबर को वह डाक टिकट जारी करने की घोषणा कर चुका है।
करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। इसके बाद वह पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक में सार्वजनिक सभा को संबोधित करेंगे। गुरुनानक देवजी का प्रकाश पर्व सिख समुदाय का सबसे बड़ा पर्व है। यह पर्व समाज के सभी वर्गों को साथ रहने, मिल बांटकर खाने और मेहनत से कमाई करने का संदेश देता है। इस बार गुरुनानक देव जी की जयंती 23 नवम्बर को (कार्तिक पूर्णिमा) है।