हरिद्वार, स्वदेशी आन्दोलन को विस्तार प्रदान करने के उद्देश्य से सहकारी समितियों द्वारा संचालित केन्द्रों के माध्यम से प्रत्येक जिले, तहसील एवं ग्राम स्तर पर नये पतंजलि सहकारी आरोग्य केन्द्रों की स्थापना के लिए पतंजलि योगपीठ-2 के श्रद्धालयम हॉल में एक बैठक आयोजित की गई। बैठक का शुभारम्भ आचार्य बालकृष्ण तथा उत्तराखण्ड के सहकारिता, उच्च शिक्षा तथा दुग्ध विकास मंत्री धनसिंह रावत ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
बैठक में धनसिंह रावत ने कहा कि पतंजलि के सहयोग से सहकारी समितियों को तो निश्चित लाभ होगा। साथ ही सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में निवास कर रहे ग्रामीणों को पूर्ण स्वदेशी व गुणवत्तायुक्त उत्पाद विशेष छूट पर सुलभ हो सकेंगे। पतंजलि सहकारी केन्द्रों की स्थापना से एक केन्द्र पर तीन व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। रावत ने कहा कि जिन समितियों के पास आवास की समस्या है, उनके लिए न्याय पंचायत में उपलब्ध सरकारी आवास को चयनीत कर समिति को सुलभ कराया जाएगा। कहा कि पूंजी जुटाने के लिए रिवोलविंग फंड या बैंक लोन के द्वारा 5 लाख रुपये तक का ऋण समिति को उपलब्ध कराया जाएगा।
इस अवसर पर आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि योगपीठ काफी समय से सामाजिक, आध्यात्मिक तथा शैक्षणिक कार्यों के माध्यम से समाजसेवा में संलग्न है। स्वामी रामदेव के दिशानिर्देशन तथा पतंजलि योगपीठ के तत्वावधान में पूरे भारतवर्ष में योग, आयुर्वेद एवं स्वदेशी के प्रचार-प्रसार के साथ देश के कोने-कोने तक स्वदेशी के अभियान को ‘स्वदेशी से समृद्धि’ के साथ जोड़कर विस्तार दिया जा रहा है। कहा कि पतंजलि सहकारी केन्द्र को कम पूंजी निवेश एवं सीमित संसाधनों से प्रारम्भ किया जा सकता है।
इन उत्पादों को घर-घर पहुंचाने के लिए ‘स्वदेशी समृद्धि कार्ड योजना’ के सदस्य बनाकर उन्हें पतंजलि सहकारी आरोग्य केन्द्र के स्वदेशी अभियान से जोड़ना तथा केन्द्र के माध्यम से इस सेवा को क्रियान्वित करना है। उन्होंने बताया कि योजना से बैठक में जिला सहकारी समिति के रजिस्ट्रार बीएम मिश्रा, समीर चतुर्वेदी, कविन्दर, राज्य सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष दान सिंह रावत, राज्य सहकारी परिषद् के उप-सभापति हयात सिंह माहरा, पूर्व चेयरमैन घनश्याम नौटियाल, अपर निबंधक आनन्द शुक्ला, अपर निबंधक श्रीमती ईरा उपरेती, डिप्टी रजिस्ट्रार श्रीमती रमिन्द्र मंदरवाल सहित लगभग 100 सहकारी समिति के अध्यक्ष व सचिव उपस्थित रहे।